Nipah Virus: अंतिम संस्कार करने से श्मशान घाट का इंकार, नर्सों का भी हो रहा बहिष्कार

केरल में निपाह वायरस से मरने वालों की संख्या में बढ़कर 12 हो गई है। केरल से शुरू हुए निपाह वायरस का खौफ पूरे भारत में देखने को मिल रहा है। दिल्ली-एनसीआर के लोगों को भी इस वायरस को लेकर अलर्ट कर दिया गया है। वायरस के संक्रमण से बचने के लिए कोझिकोड में सार्वजिनक सभाओं पर रोक लगा दी गई है।

निपाह वायरस की चपेट में आने से जैसे-जैसे मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। वैसे-वैसे लोगों के मन में इस वायरस के लिए डर भी फैलता जा रहा है। ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं जिसमें नर्सों का लोगों ने बहिष्कार किया है वहीं श्मशान घाट भी वायरस की वजह से मृत लोगों का अंतिम संस्कार करने से मना कर रहे है।

बुधवार को कोझीकोड के पेरब्रा तालुक अस्पताल की एक नर्स जैसे ही बस में चढ़ी सभी यात्रियों ने उसका विरोध करना शुरू कर दिया। जिसके बाद मजबूरी में उसे उतरना पड़ा।
रिक्शा चालक भी नर्सों को ले जाने से इंकार कर रहे हैं। दूसरे मामले में नडक्कावू पुलिस ने गुरुवार को दो कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज किया है जिन्होंने मावूर रोड पर बने श्मशान घाट में वायरस की वजह से मरे अशोकन नाम के शख्स की बॉडी का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया था।

जिला अस्पताल में निपाह से पीड़ित मरीजों का इलाज हो रहा है और जो मरीजों के संपर्क में हैं उन्हें अलग रखा गया है। कोझीकोड के बहुत से अस्पतालों में निपाह से पीड़ित लोगों का इलाज चल रहा है।
डरे हुए हैं लोग

- डॉक्टर जयश्री वासुदेवन ने एक जागरुक अभियान की दरकार बताते हुए कहा, लोग डरे हुए हैं और डर की वजह से प्रतिक्रिया दे रहे हैं। समाजशास्त्रियों का कहना है कि लोग डर और अपने परिवार को इस वायरस की चपेट में आने से रोकने के लिए इस तरह की प्रतिक्रिया देते हैं।
- समाजशास्त्री बेबी शीरीन ने कहा, जो कुछ अभी हो रहा है वो जागरुकता की वजह से है। हम लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर इस वायरस की चपेट में आने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं। इसके बारे में बहुत सारी गलत सूचनाएं फैलाई जा रही हैं।

केरल के इन चार जगहों पर न जाये

- राज्य सरकार ने एक परामर्श जारी कर केरल की यात्रा करने वाले सभी लोगों से चार जिलों कोझिकोड, मलप्पुरम, वायनाड और कन्नूर की यात्रा से बचने को कहा है।
- स्वास्थ्य सचिव राजीव सदानंदन ने कहा कि केरल में किसी भी जगह यात्रा करना सुरक्षित है। अगर अतिरिक्त सतर्कता बरतना चाहते हैं तो इन चार जिलों की यात्रा से बचें।
- राज्य सरकार ने इस मसले पर विचार के लिए 25 मई को कोझिकोड में सर्वदलीय बैठक बुलाई है।

हिमचल प्रदेश में मिले 18 मरे चमगादड़

- हिमचल प्रदेश में 18 मरे हुये चमगादड़ मिलने से सनसनी मच गई है। बताया जा रहा है कि ये चमगादड़ बीते काफी सालों से यहां के पेड़ों पर रहते थे, ये कभी किसी को परेशान नहीं करते थे लेकिन अचानक बुधवार को यहां इनकी की मौत हो गई, जिसे देखकर लोग भयभीत हो गए।
- मौके पर पहुंचे स्वास्थ्य विभाग, पशुपालन विभाग और वन विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंच कर सैंपल ले लिये हैं और जांच की जा रही है।
- जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर संजय शर्मा ने बताया कि हर साल इस इलाके में चमगादड़ों की संख्या बढ़ जाती है लेकिन इस बार कुछ ज्यादा ही है।
- डॉक्टर शर्मा ने बताया कि स्कूल के अध्यापकों और छात्रों को इस बीमारी और बचाव के बारे में बता दिया गया है। किसी भी तरह के लक्षण पाये जाते हैं तो किसी लोगों से दूर रहे क्योंकि यह एक संक्रामक बीमारी है।
- स्कूल की प्रिसिंपल सुपर्णा भरद्वाज का कहना कि लोगों में दहशत है। जिस तरह से चमगादड़ों की मौत हुई है उनके डर को नजरंदाज नहीं किया जा सकता है।

इन फलों के सेवन से बचे

केला

- केरल में फैले निपाह वायरस से फिलहाल दिल्ली में कोई खतरा नहीं है। लेकिन, चिकित्सकों का कहना है कि लोगों को बचाव के उपाय जरूर कर लेने चाहिए।
- केरल से जो केले आ रहे हैं, उनको खाने से बचें। अगर खाना ही है तो अच्छे से धोकर खाएं। क्योंकि, उत्तर भारत में ज्यादातर केले, केरल से आते हैं। ऐसे में इन्हें खाना सेहत के लिए सही नहीं है।

धोकर खाएं खजूर और आम

- खजूर और आम को भी धोकर खाएं। रमजान के महीने में खजूर सबसे ज्यादा खाए जाते हैं। दिल्ली में बड़ी मात्रा में केले और खजूर केरल से मंगाए जाते हैं।
- निपाह वायरस से प्रभावित केरल के कालीकट और मल्लापुरम जिले में केले और खजूर की बड़ी मात्रा है। एम्स के डॉक्टर्स की टीम यहां जांच कर रही है। ऐसे में यहां से आने वाले फलों को ध्यान से खाना चाहिए।