निपाह वायरस: एक ही परिवार के चार सदस्यों की मौत, मृतकों की संख्या बढ़कर 12 हुई

केरल में निपाह वायरस से मरने वालों की संख्या में बढ़कर 12 हो गई है। केरल से शुरू हुए निपाह वायरस का खौफ पूरे भारत में देखने को मिल रहा है। दिल्ली-एनसीआर के लोगों को भी इस वायरस को लेकर अलर्ट कर दिया गया है। वही मरने वालों कि बात करे तो गुरुवार को 62 साल के वालाचेकुट्टी वासा का कोझिकोड में निधन हो गया है। वो पिछले तीन हफ्ते से अस्पताल में भर्ती थे। मूसा के अलावा उनके बेटे मोहम्मद सल्याह (28), मोहम्मद सादिक (26) और उनके भाई की पत्नी मरियम (50) की मौत भी इसी वायरस से हुई है। इन्हीं का इलाज करते हुए नर्स लिनी भी इस दुनिया में नहीं रहीं।

आपको बता दें कि केरल में निपाह वायरस से मौतों के बाद फैली दहशत के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने निपाह को एक उभरती बीमारी करार दे चुका है। WHO के मुताबिक, निपाह वायरस चमगादड़ की एक नस्ल में पाया जाता है। यह वायरस उनमें प्राकृतिक रूप से मौजूद होता है। चमगादड़ जिस फल को खाते है, उनके अपशिष्ट जैसी चीजों के संपर्क में आने पर यह वायरस किसी भी अन्य जीव या इंसान को प्रभावित कर सकता है। ऐसा होने पर ये जानलेवा बीमारी का रूप ले लेता है। हाल ही में केरल में हुई रहस्यमयी मौतों का कारण 'निपाह वायरस (NiV)' को बताया गया है। नीपाह वायरस को लेकर दिल्ली-एनसीआर समेत जम्मू-कश्मीर, गोवा, राजस्थान, गुजरात और तेलंगाना में अलर्ट जारी कर दिया गया है। केंद्र सरकार ने भी इस पर चिंता जाहिर करते हुए पैनिक नहीं होने की सलाह दी है।

बुधवार को केंद्रीय टीम ने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के साथ संक्रमित स्थल का दौरा किया। टीम ने यहां एक कुएं की खोज की जिसमें बड़ी संख्या में चमगादड़ थे। ऐसा माना जा रहा है कि इसी कुएं का पानी पीने से लोग वायरस की चपेट में आए। केरल सरकार ने लोगों से चार उत्तरी जिलों कोझिकोड, मलप्पुरम, वयनाड और कन्नूर में जाने से बचने को कहा है। स्वास्थ्य सचिव राजीव सदानंदन ने कहा, राज्य के बाकी हिस्से में जाना सुरक्षित है। स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने कहा कि सांसद, विधायक और अन्य प्रतिनिधि व विभिन्न दलों के नेता मामले को लेकर बैठक करेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में निपाह वायरस के प्रकोप को काबू में कर लिया गया है और घबराने की जरूरत नहीं है।

हिमचल प्रदेश में मिले 18 मरे चमगादड़

अब हिमचल प्रदेश में 18 मरे हुये चमगादड़ मिलने से सनसनी मच गई है। बताया जा रहा है कि ये चमगादड़ बीते काफी सालों से यहां के पेड़ों पर रहते थे, ये कभी किसी को परेशान नहीं करते थे लेकिन अचानक बुधवार को यहां इनकी की मौत हो गई, जिसे देखकर लोग भयभीत हो गए।

मौके पर पहुंचे स्वास्थ्य विभाग, पशुपालन विभाग और वन विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंच कर सैंपल ले लिये हैं और जांच की जा रही है। जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर संजय शर्मा ने बताया कि हर साल इस इलाके में चमगादड़ों की संख्या बढ़ जाती है लेकिन इस बार कुछ ज्यादा ही है। डॉक्टर शर्मा ने बताया कि स्कूल के अध्यापकों और छात्रों को इस बीमारी और बचाव के बारे में बता दिया गया है। किसी भी तरह के लक्षण पाये जाते हैं तो किसी लोगों से दूर रहे क्योंकि यह एक संक्रामक बीमारी है। वहीं स्कूल की प्रिसिंपल सुपर्णा भरद्वाज का कहना कि लोगों में दहशत है। जिस तरह से चमगादड़ों की मौत हुई है उनके डर को नजरंदाज नहीं किया जा सकता है।