जोधपुर : अब बिना सर्जरी के हो पाएगा पथरी का इलाज, एम्स में लाई गई नई मशीन

एम्स में पथरी के इलाज के लिए करीब 3.5 करोड़ की लागत से नई तकनीक की डोर्नियर एक्सट्रॉकोर्पोरियल शॉक वेव लिथोट्रिप्सी (ईएसडब्ल्यूएल) मशीन स्थापित की गई। एम्स डायरेक्टर डॉ. संजीव मिश्रा ने इसका शुभारंभ किया। यह मशीन मरीज के शरीर में किसी भी सर्जरी या प्रक्रिया के बिना 1.5 सेमी से कम की पथरी को तोड़ने के लिए बहुत ही उपयुक्त है।

विशेष रूप से उन मरीजों के लिए उपयोगी है जो सर्जरी के लिए अयोग्य हैं और पथरी निकलवाने के लिए सर्जरी नहीं चाहते हैं। इस प्रक्रिया के लिए एनेस्थीसिया की जरूरत नहीं होती है, इसलिए रोगी को अस्पताल में भर्ती नहीं करवाना पड़ता है। कार्यक्रम में उपनिदेशक एनआर विश्नोई, एम्स यूरोलॉजी की फैकल्टी व अन्य फैकल्टी भी मौजूद रही।

यूरोलॉजी विभाग के सह आचार्य डॉ. गौतमराम चौधरी ने बताया कि इस मशीन से छोटी पथरी के इलाज में मदद मिलेगी। सह आचार्य डॉ. हिमांशु पांडे ने भी अपनी विभागीय सेवाओं के लिए इस विश्वस्तरीय तौर-तरीकों को शामिल करने पर प्रसन्नता व्यक्त की।