नवाज का लौटने के बाद पहला सम्बोधन: किसी से बदला नहीं लेना, भारत से अच्छे संबंधों की दुहाई, फिर कश्मीर राग अलापा

नई दिल्ली। 4 साल बाद अपने वतन लौटे पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने शनिवार को वतन पहुँचते ही अपनी पहली रैली का आयोजन लाहौर में किया। यहां लाहौर में अपनी पहली रैली के दौरान शरीफ ने कहा कि राजनीति के कारण उन्होंने अपनी मां और पत्नी को खो दिया। लेकिन वह किसी से बदला लेने के लिए पाकिस्तान नहीं पहुंचे हैं। नवाज के भाषण में उनके तेवर बदले हुए जरूर नजर आए लेकिन भारत को लेकर उनकी बयानबाजी में कोई फर्क नहीं दिखा। नवाज ने भारत के साथ अच्छे संबंध की वकालत तो की लेकिन, एक बार फिर कश्मीर राग अलापा। नवाज ने कहा कि वह पड़ोसी देश के साथ अच्छे संबंध स्थापित करते हुए कश्मीर मुद्दे को शालीनता से हल करना चाहते हैं।

73 वर्षीय पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सुप्रीमो नवाज शरीफ ने ब्रिटेन में चार साल का आत्म-निर्वासन समाप्त कर देश लौटने के तुरंत बाद लाहौर के मीनार-ए-पाकिस्तान में अपनी पहली रैली को संबोधित किया। नवाज और उनकी पार्टी रैली से पहले ही तैयार नजर आई। पाकिस्तान के तीन बार पीएम रह चुके नवाज शरीफ के स्वागत के लिए हुकूमत ने पूरा जोर लगा दिया। नवाज का पाकिस्तान आगमन पर भव्य स्वागत किया गया। नवाज ने रैली में पहले अपने भाषण कई बिन्दुओं पर बात की। अपनी बात रखते हुए वह भावुक भी नजर आए।

किसी से बदला नहीं लेना


पाकिस्तान के तीन बार के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ लंदन में चार साल का आत्म-निर्वासन समाप्त कर शनिवार को स्वदेश पहुंचे और अपने गृहनगर लाहौर में मीनार-ए-पाकिस्तान में एक विशाल रैली के साथ आम चुनाव से पहले अपनी राजनीतिक यात्रा फिर से शुरू की। उन्होंने रैली में कहा, ''मुझे बदला लेने की कोई इच्छा नहीं है और मैं केवल जनता की भलाई चाहता हूं।'' 73 वर्षीय पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज प्रमुख एक चार्टर्ड विमान में 150 से अधिक लोगों के दल के साथ दुबई से इस्लामाबाद पहुंचे। नवाज शरीफ ने रैली में भावुक होते हुए कहा कि राजनीति की वजह से मेरी मां और पत्नी मुझे छोड़कर हमेशा के लिए चले गए।

भारत से अच्छे संबंधों की दुहाई, फिर कश्मीर राग अलापा

नवाज ने कहा, “हम एक स्वतंत्र और व्यापक विदेश नीति चाहते हैं। हम दुनिया के साथ अनुग्रह और समानता का व्यवहार करना चाहते हैं। हम पड़ोसी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध स्थापित करके पाकिस्तान को एक आर्थिक शक्ति बनाना चाहते हैं। दूसरों से लड़कर या संघर्ष करके पाकिस्तान का विकास नहीं किया जा सकता। मैं बदले में नहीं विकास में विश्वास रखता हूं।'' न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक, नवाज शरीफ ने कहा कि वह भारत के साथ अच्छे संबंध स्थापित करना चाहते हैं। लेकिन, उन्होंने एक बार फिर कश्मीर राग अलापा। उन्होंने कहा कि वो शांति के माध्यम से कश्मीर का मुद्दा हल करना चाहते हैं।

पाकिस्तानी आवाम को दिखा रहे सपने

नवाज ने आगे कहा, “अगर पाकिस्तान पूर्वी पाकिस्तान (बांग्लादेश) से अलग नहीं हुआ होता, तो भारत से होकर गुजरने वाला एक आर्थिक गलियारा होता। हम पाकिस्तान के विकास के लिए पड़ोसियों और दुनिया के साथ बेहतर संबंध स्थापित करना चाहते हैं। पाकिस्तान की खातिर, सभी राजनीतिक संस्थाओं और संस्थानों (सेना और न्यायपालिका) को संविधान का सच्ची भावना से पालन करना होगा।”