रोड रेज केस: नवजोत सिंह सिद्धू को मिली SC से राहत, नहीं जाना होगा जेल, लगाया 1 हजार रुपये का जुर्माना

पूर्व क्रिकेटर आैर पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को 30 साल पुराने रोड रेज के मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट द्वारा सुनाई गई तीन साल की कैद की सजा को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को मारपीट का दोषी तो करार दिया, लेकिन गैर इरादतन हत्‍या के अारोप से बरी कर दिया। कोर्ट के फैसले के मुताबिक सिद्धू को जेल नहीं जाना होगा और उनपर सिर्फ 1000 रुपये का जुर्माना लगाया है। सिद्धू ने याचिका में कहा था कि वह निर्दोष हैं, उन्हें फंसाया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को 24 अप्रैल तक लिखित जवाब दाखिल करने को कहा था। मंगलवार को मामले की सुनवाई के दौरान सिद्धू की तरफ से कहा गया कि इस मामले में कोई भी गवाह खुद से सामने नहीं आया, जिन भी गवाहों के बयान दर्ज किए गए है उनको पुलिस सामने लाई थी। गवाहों के बयान विरोधाभासी है, जो भी मुख्य गवाह है उनके बयान एक दूसरे से अलग है। गाड़ी से सिद्धू की चाभी निकालने की बात भी सही नहीं। सिद्धू की तरफ से कहा गया क्या वो मेडिकल एक्सपर्ट थे जो उनको पता था कि इनकी हालात गंभीर है और तुरंत हॉस्पिटल न पहुंचने पर उनकी मौत हो जाएगी।

पिछली सुनवाई में पंजाब सरकार की तरफ से बहस पूरी हो गई। पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा हाई कोर्ट के फैसले को बहाल रखा जाए। हाईकोर्ट ने 3 साल की सजा सुनाई थी। सिद्धू को जानबूझकर कर नहीं फंसाया गया। ऐसा कोई सबूत नही कि पीड़ित की मौत हार्ट अटैक से हुई। सरकार ने तीन साल की सज़ा को सही बताया।

यह है पूरा मामला

- 988 में सिद्धू का पटियाला में कार से जाते समय गुरनाम सिंह नामक बुजर्ग व्‍यक्ति से झगड़ा हो गया। आरोप है कि उनके बीच हाथापाई भी हुई और बाद में गुरनाम सिंह की मौत हो गई। इसके बाद पुलिस ने सिद्धू और उनके दोस्‍त रुपिंदर सिंह सिद्धू के खिलाफ गैर इरादतन हत्‍या का मामला दर्ज किया। बाद में ट्रायल कोर्ट ने सिद्धू को बरी कर दिया।

- इसके बाद मामला पंजाब एवं हाईकोर्ट में पहुंचा। 2006 में हाई कोर्ट ने नवजोत सिंह सिद्धू और रुपिंदर सिंह को दोषी करार दिया और तीन साल कैद की सजा सुनाई। उस समय सिद्धू अमृतसर से भाजपा के सांसद थे और उनको लोकसभा की सदस्‍यता से इस्‍तीफा देना पड़ा था। सिद्धू ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की और सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू की सजा पर अंतरिम रोक लगा दी थी। इसके बाद हुए उपचुनाव में सिद्धू ए‍क बार फिर अमृतसर से सांसद चुने गए।