जम्मू-कश्मीर के रामबन में कुदरत का कहर: ओलावृष्टि और भूस्खलन से तबाही, 3 की मौत, 100 से अधिक लोगों को बचाया

जम्मू-कश्मीर के रामबन ज़िले में रविवार को अचानक आई प्राकृतिक आपदा ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। भारी बारिश, ओलावृष्टि और तेज़ हवाओं के साथ हुए भूस्खलन से क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात बन गए, जिससे धर्म कुंड गांव सबसे ज़्यादा प्रभावित हुआ। इस आपदा में अब तक तीन लोगों की जान चली गई, जबकि 40 से अधिक घर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं। राहत की बात यह है कि 100 से ज़्यादा ग्रामीणों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

केंद्रीय मंत्री और उधमपुर से सांसद डॉ. जितेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि रामबन में बीती रात भयंकर ओलावृष्टि और तेज़ हवाओं के साथ कई इलाकों में भूस्खलन हुआ, जिससे जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-44) कई जगहों पर बाधित हो गया। उन्होंने कहा कि वे लगातार रामबन के उपायुक्त बसीर-उल-हक चौधरी के संपर्क में हैं और ज़िला प्रशासन द्वारा किए गए त्वरित राहत कार्यों की सराहना की।

डॉ. सिंह ने भरोसा दिलाया कि प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहायता मुहैया कराई जा रही है, जिसमें आर्थिक मदद से लेकर पुनर्वास तक की व्यवस्था शामिल है। यदि ज़रूरत पड़ी तो सांसद निधि से व्यक्तिगत तौर पर भी सहयोग किया जाएगा।

धर्म कुंड गांव में पुलिस और प्रशासन की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और बारिश के बावजूद राहत एवं बचाव कार्य में जुट गईं। भूस्खलन और मडस्लाइड की घटनाओं के कारण नाशरी से बनिहाल तक हाईवे को दोनों ओर से बंद कर दिया गया है।

यातायात विभाग ने यात्रियों से अपील की है कि वे फिलहाल इस मार्ग पर यात्रा न करें। प्रशासन स्थिति पर लगातार निगरानी रख रहा है और राहत कार्यों को तेज़ी से अंजाम दिया जा रहा है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने लोगों से संयम बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि सरकार और स्थानीय प्रशासन मिलकर इस आपदा से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।