Corona in India! हालात संभालने में चूकी मोदी सरकार, इमेज से ज्यादा लोगों की जान बचाने की चिंता करें: अनुपम खेर

कुछ दिनों पहले अनुपम खेर का एक ट्वीट को लेकर काफी चर्चा में आए थे। सीनियर जर्नलिस्ट शेखर गुप्ता ने कोरोना से बने हालात संभालने में नाकाम रहने पर मोदी सरकार की आलोचना की थी। इसके जवाब में अनुपम खेर ने कहा था कि सरकार की आलोचना जरूरी है, पर इससे जूझना हम सबकी भी जिम्मेदारी है। वैसे घबराइए मत। आएगा तो मोदी ही। इस जवाब के बाद कई लोगों ने अनुपम खेर को आड़े हाथों लिया था। अनुपम खेर अक्सर अपने ट्वीट में मोदी सरकार की तारीफ करते रहे है लेकिन पहली बार अनुपम खेर ने कोरोना संकट से निपटने में नाकाम रहने पर सरकार की आलोचना की है। नेशनल अवॉर्ड विनर एक्टर अनुपम खेर ने कहा कि मोदी सरकार लिए यह समझने का वक्त आ गया है कि जिंदगी में इमेज बिल्डिंग के अलावा और भी बहुत कुछ है। NDTV को दिए अपने एक इंटरव्यू में एक्टर ने कहा कि सरकार ने इस बार निश्चित तौर पर चूक की है और इसके लिए उसे जिम्मेदार ठहराना जरूरी है। पढ़िए इंटरव्यू के कुछ अंश...

सवाल: जिनके अपने बीमारी से नहीं, बल्कि वक्त पर सही इलाज और मेडिकल हेल्प न मिलने पर जान गंवा बैठे, उन्हें कैसे दिलासा देंगे?

अनुपम खेर का जवाब: आप उस इंसान को दिलासा कैसे देंगे, जिसका कोई अपना ऑक्सीजन, दवाई या इलाज न मिलने की वजह से चला गया हो। आप उसे कैसे समझाएंगे। ऐसे वक्त में गुस्सा आना, दुखी होना और खुद को बेबस महसूस करना स्वाभाविक है। ऐसा होना भी चाहिए।

सवाल: कहीं बेड की कमी से मरते लोग, ऑक्सीजन न मिलने से दम तोड़ते लोग हैं, कहीं पवित्र नदियों में बहती लाशें हैं क्या सरकार को ऐसे में अपनी इमेज मैनेज करने के बजाय लोगों की मदद पर ध्यान नहीं देना चाहिए?

अनुपम खेर का जवाब : कोई अमानवीय शख्स ही इससे प्रभावित नहीं होगा। मुझे लगता है कि कई मामलों में आलोचना सही होती है। सरकार से चूक हुई है और उसे इसके लिए जिम्मेदार ठहराना भी जरूरी है। सरकार को इस वक्त उन लोगों के लिए काम करना चाहिए, जिन्होंने उसे चुना है। हालांकि मुझे लगता है कि किसी दूसरी पार्टी का इसे अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करना भी सही नहीं है।

सवाल: इन हालात में जब लोग टूट रहे हैं, अपनों को खो रहे हैं और कहीं उम्मीद नहीं है, तो लोग क्या कर सकते हैं?

अनुपम खेर का जवाब : इन हालात में दुख, गुस्सा, बेबसी सब जायज है। इस सबके बावजूद यह सोचना चाहिए कि हमें किसी और की मदद करनी है। अभी युद्ध जैसे हालात हैं। एक सैनिक की तरह मुकाबला करना है। जीवन को आगे चलाना है। फिर सुबह तो सूरज उगता है, बारिश तो होती है, मौसम तो बदलता है। जीवन चलते रहना चाहिए। तकलीफ है, दुख है, परेशानी है, गुस्सा है, फ्रस्ट्रेशन है। वो तो होगी।

राजनीतिक और धार्मिक कार्यक्रम की वजह से बढ़े केस

उधर, डब्ल्युएचओ का मानना है कि भारत में वायरस के फैलने के कई कारण हैं, जिनमें 'कई धार्मिक और राजनीतिक समारोह शामिल हैं, जिनकी वजह से सोशल मिक्सिंग में इजाफा हुआ है।'

बुधवार को 4128 लोगों की हुई मौत

बता दे, देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है। बीते 24 घंटे में 3 लाख 62 हजार 632 नए मरीजों की पहचान हुई, 3 लाख 52 हजार 5 लोग ठीक हुए। बीते दो दिन से 3.50 लाख से कम केस आ रहे थे और इससे ज्यादा ठीक हो रहे थे। बीते दिन देश में 4,128 की मौत भी हुई। यह लगातार दूसरा दिन है, जब 4 हजार से ज्यादा लोगों को कोरोना के चलते जान गंवानी पड़ी है। बढ़ते संक्रमण के साथ मौतों का आंकड़ा भी बढ़ते जा रहा है जो कि चिंता का कारण है। देश में इस महामारी की चपेट में अब तक 2.37 करोड़ लोग आ चुके हैं। इसी तरह कुल 1.97 करोड़ लोग ठीक हो चुके हैं। बीते कुछ दिनों से औसतन 3 लाख से ज्यादा लोग रिकवर हो रहे हैं। इसलिए आज यह आंकड़ा 2 करोड़ को पार हो जाएगा। अभी कुल 37.06 लाख एक्टिव मरीज है जिनका इलाज चल रहा है।