अहमदाबाद विमान हादसा: 241 की मौत, एकमात्र जिंदा बचे यात्री विश्वास कुमार रमेश ने सुनाया भयावह मंजर

गुजरात के अहमदाबाद में गुरुवार को एक बेहद दुखद और दर्दनाक हादसे में एयर इंडिया का विमान क्रैश हो गया। हादसे के समय यह फ्लाइट लंदन के लिए रवाना हुई थी, लेकिन टेक-ऑफ के कुछ ही मिनटों के भीतर यह भयानक त्रासदी में बदल गई। इस हादसे में फ्लाइट में सवार 242 यात्रियों में से 241 की मौके पर ही मौत हो गई, वहीं एकमात्र शख्स, विश्वास कुमार रमेश, चमत्कारिक रूप से जीवित बच निकले।

विमान हादसे में जिंदा बचे विश्वास कुमार रमेश से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अस्पताल में जाकर मुलाकात की। इस दौरान पीएम मोदी ने उनसे उस भयावह और झकझोर देने वाले मंजर के बारे में विस्तार से पूछा, जिसमें पूरे विमान के यात्रियों की जान चली गई। विश्वास ने पीएम मोदी से आंखों देखा पूरा हाल साझा किया और कहा कि उन्हें खुद यकीन नहीं हो रहा है कि वे कैसे बच पाए।

लगा अब बस मैं भी मरने वाला हूं - विश्वास कुमार की दर्दभरी आपबीती

कुमार ने बताया कि हादसे के समय कुछ पल के लिए ऐसा महसूस हुआ कि अब उनका जीवन भी समाप्त होने वाला है। लेकिन जब होश आया, तो उन्होंने खुद को सीट से बंधा पाया और फिर साहस जुटाकर सीट बेल्ट खोली। उन्होंने ट्राई किया कि बाहर निकल सकें और भाग्य से उन्हें रास्ता मिल गया। उनकी आंखों के सामने ही विमान में मौजूद एयर होस्टेस, आंटी-अंकल और अन्य यात्रियों की जिंदगी पलभर में खत्म हो गई। वहां कोई नहीं बचा था।

अफवाहों पर विश्वास का स्पष्टीकरण: “मैंने दरवाज़ा नहीं खोला, वह टूट गया था”

हादसे के बाद कुछ अफवाहें सामने आईं कि विश्वास ने आपातकालीन दरवाज़ा खोलकर कूदकर अपनी जान बचाई, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसा कुछ नहीं था। उन्होंने बताया, “मैंने किसी दरवाज़े को नहीं खोला, बल्कि मेरा दरवाज़ा जोरदार टक्कर से टूट गया था और वहीं से मुझे बाहर निकलने का रास्ता मिला।”

मैंने लोगों को जिंदा जलते हुए देखा, आंखों देखा खौफनाक मंजर

अस्पताल में भर्ती विश्वास कुमार ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उनकी सीट 11-ए थी। यह वही हिस्सा था जो विमान के ज़ोरदार टकराव में इमारत के भूतल से सीधे टकराया। उन्होंने बताया कि आग लगने की वजह से उनका बायां हाथ बुरी तरह झुलस गया। हादसे के बाद वे पैदल ही बाहर निकल आए। चारों तरफ लोग पड़े हुए थे, चारों ओर चीख-पुकार और लाशें थीं। बाद में एंबुलेंस की मदद से उन्हें अस्पताल लाया गया।

यूके से भारत आए थे परिवार से मिलने

विश्वास कुमार रमेश एक 40 वर्षीय ब्रिटिश नागरिक हैं, जो भारत में अपने परिवार से मिलने आए थे। हादसे के वक्त वे अपने बड़े भाई अजय कुमार रमेश (45) के साथ लंदन लौट रहे थे। विश्वास की सीट 11A थी जबकि उनके भाई विमान की दूसरी लाइन में बैठे थे। दुर्भाग्यवश, भाई इस हादसे में नहीं बच सके। उन्होंने कहा कि यह हादसा उनकी ज़िंदगी का ऐसा हिस्सा बन गया है जिसे वे कभी भुला नहीं सकेंगे।

गुरुवार को हुआ था हादसा, दो मिनट में तबाह हो गया पूरा विमान

यह दर्दनाक दुर्घटना गुरुवार को दोपहर 1:38 बजे हुई, जब बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान AI-171 ने अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरी। टेक-ऑफ के ठीक दो मिनट बाद ही विमान क्रैश हो गया, और देशभर में शोक की लहर दौड़ गई। हादसे में 265 लोगों की जान गई, जिनमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल हैं।

ब्लैक बॉक्स से मिले सुराग, जांच में आई तेज़ी


जांच एजेंसियों ने हादसे की तह तक जाने के लिए ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिया है। शुरुआती रिपोर्ट्स के मुताबिक, टेक-ऑफ के 20 सेकंड के भीतर ही विमान ने नियंत्रण खो दिया था। पायलट को न तो संपर्क साधने का मौका मिला, और न ही स्थिति को संभालने का।

डीएनए टेस्टिंग के जरिए की जा रही मृतकों की पहचान

फिलहाल पोस्टमार्टम सेंटर के बाहर भारी भीड़ उमड़ी हुई है। हादसे में मारे गए लोगों की पहचान DNA सैंपलिंग के ज़रिए की जा रही है क्योंकि कई शवों की हालत इतनी खराब है कि प्रत्यक्ष रूप से पहचान करना असंभव हो गया है। पीड़ित परिवारों के लिए यह वक्त बेहद विनाशकारी और पीड़ादायक है।