दिल्ली पुलिस की गोली से हुई किसान की मौत, जारी रहेगा आंदोलन: नरेश ट‍िकैत

देश के 72वें गणतंत्र दिवस पर किसानों ने ट्रैक्टर रैली के चलते दिल्ली में जमकर उत्पात मचाया। जिसे दिल्ली के हालात काफी खराब हो गए हैं। दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के पीछे सिख फॉर जस्टिस यानी SFJ का हाथ बताया जा रहा है। पंजाब के लुधियाना से कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्‌टू ने इस संगठन की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि हिंसा के पीछे सिख फॉर जस्टिस संगठन का हाथ है। उसी ने पूरी साजिश रची। आंदोलन कर रहे किसानों से कोई हिंसा नहीं की है। आपको बता दे, SFJ की स्थापना 2007 में हुई थी। इसका मकसद खालिस्तान नाम के आजाद देश की स्थापना करना है। संगठन का सबसे बड़ा चेहरा गुरपतवंत सिंह पन्नून है। उसने पंजाब यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई की है। वह अमरीका में रहते हैं और SFJ के लीगल एडवाइजर भी हैं।

SFJ 2018 में सुर्खियों में आया। तब उसने लंदन में खालिस्तान के समर्थन में रैली निकाली और ऐलान किया कि वह पंजाब को भारत से अलग करने के लिए एक जनमत संग्रह करने जा रहा है। इस जनमत संग्रह को SFJ ने ‘रेफरेंडम 2020’ का नाम दिया था। संगठन ने घोषणा की थी कि पंजाब के साथ ही इस जनमत संग्रह में दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में रहने वाले सिख भी हिस्सा लेंगे।

इस बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत दिल्ली से बागपत पहुंचे। नरेश टिकैत ने आरोप लगाते हुए दिल्ली पुलिस की गोली से किसान की मौत हुई है, जिसके चलते किसान के परिवार को मुआवजा मिलना चाहिए। इस हिंसा में किसानों का जो नुकसान हुआ है, उन्हें मुआवजा दिया जाये।

उन्होंने कहा कि दिल्ली में जो हिंसा हुई है, वह उसकी निंदा करते है। टिकैत ने कहा कि दिल्ली पुलिस की कमजोरी के कारण किसान लाल किले पर पहुंचे है, जो हिंसा हुई है वो नहीं होनी चाहिए थी कुछ लोग इस आंदोलन को तोड़ना चाहते है। किसानों का कोई दोष नहीं है। किसानों को तो दिल्ली का रास्ता भी नहीं पता। कोई किसानों को गुमराह कर रहा है। इसकी सरकार को जांच करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस घटना में सरकार का नहीं बल्कि किसानों का नुकसान हुआ है। और सरकार लगातार किसान को बेइज्जत करने में लगी है।

किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि किसानों के लिए उनका संघर्ष जारी रहेगा और आंदोलन चलता रहेगा। इसके लिए चाहे उन्हें जेल भी जाना पड़े तो वो तैयार है। किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली में किसानों ने कई इलाकों में हंगामा कर दिया और पुलिस बैरिकेडिंग तोड़ दिए। इस दौरान किसानों को काबू में करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े और बल प्रयोग भी किया गया।