नरेंद्र मोदी ने सांसदों से कहा - वीआईपी कल्चर से देश को बड़ी नफरत है, हम भी नागरिक हैं तो कतार में क्यों खड़े नहीं रह सकते

प्रधानमंत्री के रूप में दूसरे कार्यकाल की शुरूआत करने जा रहे नरेंद्र मोदी ने शनिवार को एनडीए की संसदीय दल की बैठक में कहा कि उनकी सरकार अब ‘नयी ऊर्जा के साथ, नए भारत के निर्माण के लिए नयी यात्रा' शुरू करेगी।

पहली बार संसद आने वाले सांसदों को मोदी की हिदायत
मोदी ने पहली बार संसद आने वाले सांसदों को कई हिदायत दीं। उन्होंने उन्हें समझाया कि वो कैसे विवादों में आने से और किसी के झांसे में आन से बच सकते हैं। मोदी ने कहा, 'अभी तो मुझे देखना है कि कौन पहली बार आया है, कौन नहीं आया है, लेकिन इस देश में ऐसे बहुत नरेंद्र मोदी पैदा हो गए है, जिन्होंने मंत्रिमंडल बना दिया है और सबका टोटल लगाएंगे तो कुछ ही सांसद रह जाएंगे जो मंत्री बनने की लिस्ट में नहीं है। ये सबसे बड़ा संकट है। लोग झूठे फोन करते हैं। मंत्री पदों के लिए मीडिया की खबरों में चल रहे नामों पर भरोसा नहीं करें, नियमों के अनुसार जिम्मेदारी दी जाएगी।'

अल्पसंख्यकों का विश्वास जीतने की जरूर
करीब 75 मिनट के भाषण में मोदी ने अल्पसंख्यकों का भी विश्वास जीतने की जरूरत बताते हुए कहा कि वोट-बैंक की राजनीति में भरोसा रखने वालों ने अल्पसंख्यकों को डर में जीने पर मजबूर किया, हमें इस छल को समाप्त कर सबको साथ लेकर चलना होगा। मोदी ने सांसदों से वीआईपी संस्कृति से बचने को कहा। उन्होंने कहा कि सांसदों को जरूरत पड़ने पर अन्य नागरिकों की तरह कतारों में भी खड़ा होना चाहिए। उन्होंने कहा, 'वीआईपी कल्चर से देश को बड़ी नफरत है। हम भी नागरिक हैं तो कतार में क्यों खड़े नहीं रह सकते। मैं चाहता हूं कि हमें जनता को ध्यान में रखकर खुद को बदलना चाहिए। लाल बत्ती हटाने से कोई आर्थिक फायदा नहीं हुए, जनता के बीच अच्छा मैसेज गया है।'

मेरी सरकार इस देश के दलित, पीड़ित, शोषित, आदिवासी को समर्पित

पीएम मोदी ने कहा, '2014 में मैंने कहा था, मेरी सरकार इस देश के दलित, पीड़ित, शोषित, आदिवासी को समर्पित है। मैं आज फिर से कहना चाहता हूं कि पांच साल उस मूलभूत बात से अपने आपको ओझल नहीं होने दिया। 2014 से 2019 हमने प्रमुख रूप से गरीबों के लिए चलाई है। और आज मैं ये गर्व से कह सकता हूं कि ये सरकार गरीबों ने बनाई। गरीबों के साथ जो छल चल रहा था, उस छल में हमने छेद किया है और सीधे गरीब के पास पहुंचे हैं। देश पर इस गरीबी का जो टैग लगा है, उससे देश को मुक्त करना है। गरीबों के हक के लिए हमें जीना-जूझना है, अपना जीवन खपाना है। गरीबों के साथ जैसा छल हुआ, वैसा ही छल देश की माइनॉरिटी के साथ हुआ है। अच्छा होता कि माइनॉरिटी की शिक्षा, स्वास्थ्य की चिंता की जाती। 2019 में आपसे अपेक्षा करने आया हूं कि हमें इस छल को भी छेद करना है। हमें विश्वास जीतना है। संविधान को साक्षी मानकर हम संकल्प लें कि देश के सभी वर्गों को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है। पंथ-जाति के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए।' उन्‍होंने कहा, 'हम सबको मिलकर के 21वीं सदी में हिंदुस्तान को ऊंचाइयों पर ले जाना है। सबका साथ, सबका विकास और अब सबका विश्वास ये हमारा मंत्र है। स्वच्छता अगर जन आंदोलन बन सकता है तो समृद्ध भारत भी जन आंदोलन बन सकता है। हम कुछ करने के लिए नहीं, बहुत कुछ करने के लिए आए हैं। 21वीं सदी भारत की सदी बने, ये हम लोगों का दायित्व है। आप सबने मुझे दायित्व दिया है, लेकिन ये कोई कॉन्ट्रैक्ट नहीं है, ये हमारी संयुक्त जिम्मेवारी है। चोट झेलने की जिम्मेवारी मेरी है, सफलता का हक आपका है। भारत का संविधान हमारे लिए सर्वोपरि है।' उन्होंने कहा कि सत्ता में रहते हुए लोगों की सेवा करने से बेहतर अन्य कोई मार्ग नहीं है। मोदी ने संसद के सेंट्रल हॉल में एनडीए के सांसदों से कहा कि हम उनके लिए हैं जिन्होंने हम पर भरोसा किया तथा उनके लिए भी हैं जिनका हमें विश्वास जीतना है। उन्होंने सांसदों से वीआईपी संस्कृति से बचने को कहा। उन्होंने कहा कि सांसदों को जरूरत पड़ने पर अन्य नागरिकों की तरह कतारों में भी खड़ा होना चाहिए। मंत्रिपरिषद के नामों को लेकर चल रही अटकलों पर मोदी ने सांसदों से कहा कि इन पर भरोसा नहीं करें, नियमों के अनुसार जिम्मेदारी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि चुनाव बांटते हैं और दूरियां पैदा करते हैं लेकिन 2019 चुनाव ने लोगों और समाज को जोड़ने का काम किया। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में सत्ता समर्थक लहर थी, इसके परिणामस्वरूप सकारात्मक जनादेश आया। मोदी ने एनडीए नेताओं को मीडिया से बातचीत करने में संयम बरतने की भी सलाह दी और कहा कि सार्वजनिक रूप से दिये गये कुछ बयान अकसर हमें परेशान करते हैं। उन्होंने कहा कि हमने 2014 से 2019 तक गरीबों के लिए सरकार चलाई, मैं कह सकता हूं कि इस बार गरीबों ने सरकार चुनी।

बता दे, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नरेंद्र मोदी को नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया है। राष्ट्रपति पीएम मोदी को केंद्र में अगली सरकार गठित करने के लिए आमंत्रित किया है। दरहसल, शनिवार को नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलकर सरकार बनाने का दावा किया है। इस मुलाकात के बाद राष्ट्रपति भवन ने ट्वीट किया, 'भारत के संविधान के अनुच्छेद 75 (1) के तहत, राष्ट्रपति कोविंद ने आज भारत में प्रधानमंत्री पद के लिए नरेंद्र मोदी को नियुक्त किया।'