मोदी सरकार 2.0 का एक साल / 1400 साल से चली आ रही थी तीन तलाक प्रथा, कानून लाकर किया खत्म

एक साल पहले आज ही के दिन प्रचंड जनादेश के साथ दूसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की सत्ता पर विराजमान हुए थे। मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले साल में कई ऐसे फैसले लिए हैं जिनसे देश को एक अलग सोच मिली। 1400 साल पुरानी तीन तलाक प्रथा को कानून लाकर खत्म किया और मुस्लिम संप्रदाय की महिलाओं को मजबूती प्रदान की।

अगस्त 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने तलाक-ए-बिद्दत यानी एक बार में तीन तलाक को असंवैधानिक और गैर-कानूनी करार दिया था। साथ ही साथ सरकार को इसे खत्म करने के लिए कानून बनाने का आदेश दिया।

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इसके बाद सरकार 1400 साल पुरानी तीन तलाक प्रथा को खत्म करने के लिए मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) बिल लेकर आई। ये बिल 2 साल में 2 बार लोकसभा में तो पास हो गया, लेकिन राज्यसभा में अटक गया।

बाद में जब दोबारा मोदी सरकार सत्ता में लौटी, तो फिर से 25 जुलाई को कुछ बदलाव के साथ बिल लोकसभा में पेश हुआ और पास हो गया। बाद में 30 जुलाई को ये बिल राज्यसभा से भी पास हो गया और 31 जुलाई से ये कानून बन गया।

इस कानून के तहत तीन तलाक (Triple Talaq) अब गैर-कानूनी है। तीन तलाक देने पर दोषी पति को तीन साल की सजा का प्रावधान किया गया है। साथ ही अब मुस्लिम महिलाएं अपने और नाबालिग बच्चों के लिए गुजारा भत्ता भी मांग सकती हैं।