पिछले दिनों मुगलसराय जंक्शन का नाम बदलकर दीन दयाल उपाध्याय करने के बाद रेलवे ने इलाहाबाद जंक्शन रेलवे स्टेशन का नाम प्रयागराज करने की औपचारिकता भी पूरी कर ली है। जल्द ही इसकी घोषणा भी कर दी जाएगी। किसी रेलवे स्टेशन का नाम बदलने पर रेलवे को रिजर्वेशन सिस्टम, कोडिंग सिस्टम, आईआरसीटीसी के सॉफ्टवेयर समेत सात जगहों पर बदलाव करने पड़ते हैं और बार-बार सॉफ्टवेयर में बदलाव पर रेलवे को खासी मशक्कत करनी पड़ती है। जिस पर रेलवे को काफी पैसे भी खर्च करने पड़ते हैं। बार-बार की इस मशक्कत से बचने के लिए रेलवे ने गृह मंत्रालय के माध्यम से राज्य सरकारों से उन स्टेशनों की लिस्ट मांगी है जिनके शहरों, जिला मुख्यालयों के नाम या तो अलग या हाल फिलहाल में बदले गए हैं। रेलवे ने एक साथ देश भर के कई रेलवे स्टेशनों का नाम बदलने का फैसला किया है।
दरअसल, देश में बहुत सारे रेलवे स्टेशन ऐसे हैं जिनके शहरों के नाम से रेलवे स्टेशनों का नाम अलग है। जिनके बदलने की मांग अक्सर होती रहती है। पश्चिम बंगाल, बिहार और देश के अलग-अलग हिस्सों से जोड़ने वाले शहर सिल्लीगुड़ी के रेलवे स्टेशन का नाम न्यूजलपाईगुड़ी है। उत्तर प्रदेश में संत कबीर के निर्वाण वाले जिले का नाम संत कबीर नगर कर दिया गया है। जबकि, रेलवे स्टेशन खलीलाबाद के नाम से है। इसी तरह फैजाबाद जनपद का नाम भी अयोध्या कर दिया गया है जबकि रेलवे स्टेशन का नाम अभी भी फैजाबाद है।
रेल मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार गृह मंत्रालय के इंटर स्टेट डिविजन को एक चिट्ठी लिखकर राज्यों से इस तरह के सारे रेलवे स्टेशनों की लिस्ट मांगी है ताकि, एक ही बार में इन सभी स्टेशनों का नाम बदला जा सके। दरअसल, रेलवे के लिए नाम बदलना एक बड़ी प्रक्रिया है इसके तहत रेलवे को प्रदेश सरकार या किसी सांसद से मिले प्रस्ताव पर पहले गृह मंत्रायलय से अनुमति लेनी पड़ती है उसके बाद रेलवे को हर बदले हुए स्टेशन के नाम से कोड तलाशने के साथ अपने अलग-अनुभागों से राय लेनी पड़ती है। इस सारी प्रक्रिया के बाद रिजर्वेशन, ऑपरेटिंग के सॉफ्टवेयर में बदलाव करना पड़ता है।