नागालैंड में कुत्ते के मांस की बिक्री और खाने पर बैन

नागालैंड सरकार ने कुत्ते के मांस की बिक्री और सेवन पर रोक लगा दी। बीते कुछ समय से कुत्तों के मांस की बिक्री पर पाबंदी लगाने को लेकर कुछ संगठन आवाज उठा रहे थे। जिसके बाद शुक्रवार को नगालैंड सरकार ने यह कदम उठाया है।

राज्य के संसदीय मामलों के मंत्री एन. क्रोनू ने बताया कि कुत्तों के वाणिज्यिक आयात और व्यापार पर और कुत्ते के मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया है। राज्य के मुख्य सचिव तेमजेन तॉय ने भी ट्वीट कर सरकार के इस फैसले की जानकारी दी।

तेम्जेन टॉय ने बताया कि नगालैंड सरकार ने कुत्तों के कच्चे और पके मांस की बिक्री पर बैन लगा दिया है। इसके अलावा सरकार ने कुत्तों के मार्केट भी बंद करने का फैसला लिया है।

बता दें कि नगालैंड सरकार ने ये फैसला फेडरेशन ऑफ़ इंडियन एनिमल प्रोटेक्शन ऑर्गनाइजेशन (FIAPO) की अपील के बाद लिया है। इस बारे में FIAPO के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर वरदा मेहरोत्रा ने बताया कि हाल ही में उस वक्त हमारे होश उड़ गए जब दीमापुर (नगालैंड का व्यापारिक केंद्र) में कई कुत्ते बोरों में बंद होकर बिकने के लिए आए थे। उन्हें बेहद क्रूरता के साथ बोरों में बंद कर कसाईखाने ले जाया जा रहा था।

क्रोनू ने बताया कि सरकार ने तत्काल प्रभाव से सूअरों के भी वाणिज्यिक आयात और व्यापार पर प्रतिबंध लगाने का भी निर्णय लिया। क्रोनू ने बताया कि क्षेत्र में स्वाइन फ्लू के प्रकोप के बाद राज्य ने पहले ही सूअरों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था और मंत्रिमंडल ने इसे मंजूरी दे दी।

बता दे, कुत्तों के मांस के लिए उनकी तस्करी होती रही है। आवारा कुत्तों को पकड़कर उनके साथ क्रूरता पूर्ण व्यवहार होता है। कुत्तों के मांस का मार्केट नगालैंड के अलावा असम और पश्चिम बंगाल तक फैला है। जानकार बताते हैं कि असम में 50 रुपये में पकड़ा गया कुत्ता नगालैंड के होलसेल मांस मार्केट में 1000 रुपये तक में बिकता है। नगालैंड में कुत्तों के मांस की बिक्री 200 रुपये प्रति किलो तक होती है। यानी कि एक कुत्ते पर लोग यहां 2 हजार रुपये तक कमा लेते हैं।