CBI ने कहा- मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में नहीं हुई थी किसी बच्ची की हत्या, सभी 35 लड़कियां जीवित

सीबीआई ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम (बालिका गृह) में किसी बच्ची की हत्या नहीं हुई। यहां रहने वाली सभी 35 लड़कियों को जीवित पाया गया। जांच एजेंसी की तरफ से पेश हुए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने चीफ जस्टिस एसए बोबडे की बेंच को बताया कि मुजफ्फरपुर के बालिका गृह समेत बिहार के सभी 17 शेल्टर होम की जांच पूरी की जा चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने बालिका गृह में लड़कियों पर अत्याचार के मामले पर स्वतः संज्ञान लिया था।

आपको बता दे, करीब 2 साल पहले बिहार के इस बालिका आश्रय गृह में कई बच्चियों के यौन शोषण की खबर ने पूरे देश को चौंका दिया था। तब यह आरोप भी लगे थे कि शेल्टर होम को चलाने वालों ने कुछ बच्चियों की हत्या भी की है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी और इससे जुड़े मुकदमे को दिल्ली ट्रांसफर कर दिया था। कोर्ट समय-समय पर सीबीआई से जांच की स्टेटस रिपोर्ट लेता रहता है।

सीबीआई की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में आज रखी गई रिपोर्ट में यह कहा गया है कि शेल्टर होम से 35 बच्चियों के गायब होने की बात कही गई थी। इनमें से कुछ की हत्या हो जाने की भी आशंका जताई गई थी। लेकिन जांच के दौरान सभी 35 बच्चियां मिल गई। शेल्टर होम के पास से जो दो मानव कंकाल मिले थे, वह किसी बच्ची के नहीं थे। वह एक वयस्क पुरुष और एक वयस्क महिला के कंकाल थे। यह दोनों लोग कौन है इस बारे में जांच अभी जारी है। लेकिन इतना स्पष्ट है शेल्टर होम में किसी भी बच्ची की हत्या नहीं की गई।

मुजफ्फरपुर के बालिका गृह में बच्चियों के साथ हो रहे अत्याचार का खुलासा फरवरी 2018 में हुए सोशल ऑडिट में हुआ था। बिहार के समाज कल्याण विभाग की सिफारिश पर टीआईएसएस की एजेंसी 'कोशिश' ने मुजफ्फरपुर के साहू रोड स्थित बालिका गृह के समेत दूसरे शेल्टर हाउस का सोशल ऑडिट किया था। एजेंसी ने ही बालिका गृह में रह रही बच्चियों के साथ हो रहे अत्याचार को उजागर किया था।

गौरतलब है कि सबसे पहले टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सर्विस यानी TISS ने सरकार को सौंपी एक रिपोर्ट में बिहार के आश्रय गृहों में यौन दुर्व्यवहार, मारपीट, शोषण जैसी बातों की जानकारी दी थी। इसके बाद बिहार पुलिस ने जांच शुरू की। इस बीच कुछ याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। उन्होंने प्रभावशाली लोगों के मामले में शामिल होने का आरोप लगाया। राज्य पुलिस की तरफ से की जा रही जांच पर असंतोष जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जांच सीबीआई को सौंप दी थी।