मुंबई सीरो सर्वे / झुग्गी बस्तियों में 57% कोरोना संक्रमित, अन्य इलाकों में 16%

देश में अब तक 15 लाख 33 हजार 936 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। पिछले 24 घंटे में 49 हजार 632 मरीज बढ़े। 35 हजार 484 लोग ठीक भी हुए। 770 की मौत हुई। अब तक 9 लाख 88 हजार से ज्यादा मरीज ठीक हो चुके हैं, 34 हजार 200 से ज्यादा की मौत हाे चुकी है। 5 लाख 8 हजार से ज्यादा एक्टिव मरीज हैं, यानी इनका इलाज चल रहा है।

महाराष्ट्र में बीते 24 घंटे में 7 हजार 717 नए मामले सामने आए। 282 लोगों की मौत हुई और 10 हजार 333 मरीज ठीक हो गए। मुंबई में मंगलवार को 717 नए मामले सामने आए, जो करीब 3 महीने में किसी एक दिन में मिले संक्रमितों की सबसे कम संख्या है। यहां मंगलवार को इस महामारी से 55 लोगों की मौत हो गई है। शहर में डबलिंग रेट अब बढ़कर 68 दिन और रिकवरी रेट 73% हो गया है।

मुंबई की झुग्गी बस्तियों में 57% कोरोना संक्रमित

वहीं, दिल्ली के बाद मुंबई में भी सीरो सर्वे हुआ है। इससे पता चला है कि शहर की झुग्गी बस्तियों में 57% लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। सीरो सर्वे में व्यक्ति के शरीर में एंटीबॉडी की मौजूदगी का पता लगाया जाता है। अगर एंटीबॉडी मिलती हैं तो इसका मतलब कि वे या तो संक्रमित हैं या संक्रमित होकर ठीक हो चुके हैं। मुंबई की गैर झुग्गी बस्तियों में 16% लोगों में एंटीबॉडी मिली हैं। बीएमसी अधिकारियों ने इसे सकारात्मक परिवर्तन बताया है। इस सीरो सर्वे को बीएमसी ने नीति आयोग और टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) के साथ मिलकर किया था।

कोरोना के प्रसार और लोगों में इससे बचने के लिए पैदा होने वाली इम्युनिटी को जांचने के लिए 6 हजार 936 लोगों का सीरो सर्वे किया गया। बीएमसी के 3 वॉर्ड (आर/एन, एम/डब्ल्यू और एफ/एन) में सर्वे किया गया। झुग्गी बस्तियों में रहने वाले करीब 4000 लोगों के ब्लड सैंपल्स लिए गए, जिनमें से 57% में कोरोना के एंटीबॉडी मिले। वहीं रिहायशी इलाकों में रहने वाले करीब 3 हजार लोगों में से 16% में ही एंटीबॉडी मिले। महिलाओं में पुरुषों की तुलना में ज्यादा एंटीबॉडी देखा गया।

धारावी में संक्रमण के तीन नए मामले

मुंबई के झुग्गी इलाके धारावी में मंगलवार को कोरोना के 3 नए मामले सामने आये जिससे वहां कुल मामले बढ़कर 2 हजार 543 हो गए। यह जानकारी बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने दी। एक अधिकारी ने बताया कि अभी तक कुल 2 हजार 204 मरीज ठीक हुए हैं जिससे इस क्षेत्र में उपचाराधीन मरीजों की संख्या मात्र 88 है। एक बार कोविड-19 हॉटस्पॉट (Covid-19 Hotspot) (संक्रमण से सबसे अधिक प्रभावित) रहा धारावी कुछ समय से इससे सफलतापूर्वक उबर गया है।

क्या है एंटीबॉडी टेस्ट?


किसी शख्स को जब कोरोना हो जाता है तो उसके शरीर में वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी पैदा हो जाते हैं। कोरोना वायरस अलग-अलग लोगों में अलग-अलग तरह के लक्षण उनकी रोग प्रतिकारक क्षमता के मुताबिक दिखाता है। जिस शख्स का एंटीबॉडी टेस्ट होना है उसके खून का सैंपल लिया जाता है और ICMR की ओर से मंजूर की गई मशीनों के जरिए एक प्रक्रिया के तहत ये सुनिश्चित किया जाता है कि खून में एंटीबॉडी हैं या नहीं और अगर हैं तो कितनी मात्रा में। अगर एटीबॉडी नजर आते हैं तो रिपोर्ट पॉजिटिव आती है यानी कि शख्स को पहले कोरोना हो चुका है। अगर एंटीबॉडी नहीं है तो रिपोर्ट नेगेटिव आती है, जिसका मतलब है कि कोरोना नहीं हुआ है। कुछे मामलों में ये भी होता है कि सैंपल देने वाले शख्स को कोरोना हो चुका है लेकिन उसके शरीर में एंटीबॉडी नहीं बनते। ऐसे मामले हालाकि अभी बेहद कम सामने आए है।