मुंबई हादसा : दिखी इंसानियत, ‘ह्यूमन चेन’ बनाकर लोगों को मलबे से निकालने की हो रही है कोशिश

मंगलवार दोपहर तकरीबन 11:40 मिनट पर मुंबई के डोंगरी इलाके में चार मंजिला इमारत ताश के पत्तो की तरह ढह गई। यह इमारत 100 साल पुरानी बताई जा रही है और इसमें करीब 15 परिवार रह रहे थे। इस हादसे में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई, वहीं कई लोगों को मलबे से जिंदा निकाला गया। लगातार मलबा हटाने का काम जारी है। बचाव कार्य में मदद के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल यानी एनडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंच गयी है। मिली जानकारी के मुताबिक, यह इमारत टंडेल स्ट्रीट पर स्थित है और इसका नाम 'केसरबाई' है। बचाव कार्य में सबसे बड़ी दिक्कत बन रही है संकरी गली, जिसकी वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में काफी दिक्कत पेश आ रही है. हादसे की गंभीरता को इस बात से ही समझा जा सकता है कि मौके पर 10 से अधिक एम्बुलेंस पहुंच गई हैं।

हालांकि एंबुलेंस और दमकल की गाड़ियां भी संकरी गली होने के कारण हादसे की जगह पर नहीं पहुंच पाईं। हालांकि ऐसे में वहां के लोगों ने इंसानियत की मिसाल पेश की। लोग यहां ‘ह्यूमन चेन’ बनाकर मलबे में दबे लोगों को निकालने की कोशिश करते दिखे।

प्रशासन की मदद करने के लिए स्थानीय निवासी पूरी तरह से मदद जुट गए। मलबे से जो भी लोग निकाले गए, उन्हें हाथों-हाथों लोगों ने गली के बाहर खड़ी एन्बुलेंस तक पहुंचाया। , जो घायलों को अस्पताल ले जाने में मदद कर रही हैं। बीएमसी की तरफ से जो शेल्टर खोला गया है, वहां पर भी घायलों को ले जाया जा रहा है। हादसा बड़ा है, इसलिए NDRF तीन टीमें मौके पर भेजी गई हैं।

BMC ने 2012 में ही दी थी चेतावनी

महाराष्ट्र हाउसिंग व एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (MHADA) के चेयरमैन उदय सामंत के मुताबिक, ये बिल्डिंग करीब 100 साल पुरानी थी। इसका आधे से ज्यादा हिस्सा जर्जर हो चुका था। बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) ने सात साल पहले 2012 में ही इस बिल्डिंग को लेकर चेतावनी दे दी थी। लेकिन, बिल्डिंग को गिराने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई।