केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) 1993 मुंबई बम धमाकों के आरोपी और दाऊद इब्राहिम कासकर के करीबी फारुख टकला को उसके फरार होने के 25 सालों बाद दुबई से गिरफ्तार कर मुंबई ले आई है। उसे गुरुवार सुबह मुंबई लाया गया और पूछताछ के लिए सीबीआई कार्यालय ले जाया गया। उन्हें रिमांड के लिए आज टाडा की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा। बताया जा रहा है कि फारुक 1993 बम धमाकों के आरोपी दाऊद इब्राहिम का बेहद करीबी है। कुछ लोग उसे दाऊद का दायां हाथ तक मानते हैं। सीबीआई को फारुक से काफी अहम जानकारियां मिलने की उम्मीद है।
इंटरपोल ने 1995 में टकला के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। उसे आखिरकार दुबई में धर दबोचा गया, जहां वह छिपा हुआ था और आज भारत लाया गया।
गौरतलब है कि 12 मार्च 1993 को हुए श्रृंखलाबद्ध विस्फोटों में कम से कम 257 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 700 से अधिक लोग घायल हो गए थे। इस दौरान करोड़ों रुपयों की संपत्ति नष्ट हो गई थी। सीबीआई के मुताबिक, मुंबई धमाके 6 दिसंबर 1992 को हुए बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद हुए दंगों का बदला लेने के लिए किए गए थे।
दाऊद ने जाहिर की थी सरेंडर की इच्छाइस मामले में 27 दूसरे आरोपी भी हैं। पिछले साल सितंबर महीने में विशेष टाडा अदालत ने दो लोगों को मौत की सजा सुनाई थी जबकि अबू सलेम और एक दूसरे आरोपी को उम्रकैद की सजा हुई थी जबकि एक अन्य आरोपी को 10 साल की सजा हुई थी। वहीं पिछले दिनों दाऊद इब्राहिम के वकील ने दाऊद के हवाले से उसके सरेंडर करने की इच्छा जाहिर की थी। दाऊद के वकील ने अपने बयान में कहा था कि दाऊद भारत आना चाहता है, लेकिन इसके पीछे उसने मुंबई की ऑर्थर रोड जेल में ही रखे जाने की शर्त रखी थी।
टकला की गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है, जब दो दिन पहले ही मशहूर आपराधिक वकील श्याम केसवानी ने ठाणे में कहा था कि दाऊद इब्राहिम कासकर सशर्त भारत लौटकर सुनवाई का सामना करना चाहता है लेकिन इसके पीछे उसने मुंबई की ऑर्थर रोड जेल में ही रखे जाने की शर्त रखी थी जिसको भारत सरकार ने खारिज कर दी हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने गुरुवार को टकला के प्रत्यर्पण के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को बधाई दी। स्वामी ने ट्वीट कर कहा, "हमें फारुक टकला के सीबीआई की पकड़ में आने के लिए एनएसए डोभाल को बधाई देनी चाहिए। अब दाऊद दूर नहीं।"