चीन के साइबर हमले से नहीं, मानवीय भूल से फेल हुई थी मुंबई पावर ग्रिड

केंद्रीय बिजली मंत्री आरके सिंह ने मंगलवार को कहा कि ऐसे कोई सुबूत नहीं मिले है जिससे यह कहा जा सके कि पिछले साल अक्टूबर में मुंबई में बिजली आपूर्ति बाधित होने के पीछे चीनी साइबर हमला था। यह मानवीय भूल की वजह से हुआ था। उधर चीन ने भी सफाई दी है कि यह पूरी तरह से अफवाह है। चीन ने खुद को साइबर हमले का शिकार बताया है।

आपको बता दे, अमेरिका की निजी कंपनी के अध्ययन में कहा गया कि चीन से जुड़े एक समूह ने मालवेयर के जरिए मुंबई की पावर ग्रिड प्रणाली को निशाना बनाया था। मालवेयर एक सॉफ्टवेयर है जिसे कंप्यूटर नेटवर्क को नुकसान पहुंचाने के इरादे से तैयार किया जाता है। इस पर मंगलवार को केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने सफाई दी और कहा है कि मेरे पास इसका कोई सबूत नहीं है।

मानवीय भूल की वजह से हुआ था

सिंह ने कहा कि बिजली आपूर्ति बाधित होने के मामले की दो टीमों ने जांच की है। इन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ऐसा मानवीय भूल की वजह से हुआ था, साइबर हमले की वजह से नहीं। उन्होंने कहा कि इनमें से एक टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि साइबर हमला हुआ था, लेकिन मुंबई में बिजली आपूर्ति से उसका कोई संबंध नहीं था। केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'साइबर हमले हमारे उत्तरी और दक्षिणी क्षेत्र के भार प्रेषण केंद्रों पर हुए। हालांकि, मालवेयर हमारे ऑपरेटिंग सिस्टम तक नहीं पहुंच सका। महाराष्ट्र के गृह मंत्री ने सूचित किया कि मुंबई में उनके पर्यवेक्षी नियंत्रण और डाटा अधिग्रहण (SCADA) पर साइबर हमले हुए।'

चीन ने कही ये बात

भारत के पावर इन्फ्रास्ट्रक्चर पर चीन की कंपनी की तरफ से साइबर हमला किए जाने की सूचना आने पर चीन ने सफाई दी है कि यह पूरी तरह से अफवाह है। नई दिल्ली स्थित चीन के दूतावास ने इस संबंध में बयान जारी कर अपनी स्थिति स्पष्ट की और कहा कि इस संबंध में पूरी तरह से निराधार आरोप लगाए जा रहे हैं। चीन ने मीडिया में प्रकाशित खबरों को गैर जिम्मेदाराना भी करार दिया है। चीन ने खुद को साइबर हमले का शिकार बताते हुए इस बारे में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग करने की अपील की है ताकि इस तरह की स्थिति से निबटा जा सके।

आपको बता दे, मुंबई में 12 अक्टूबर को ग्रिड के ठप होने से व्यापक स्तर पर बिजली गुल हो गई थी। ट्रेनें जहां थी, वहीं रुक गईं और कोविड-19 महामारी के कारण जो लोग घरों से काम कर रहे थे, उनका कामकाज प्रभावित हुआ था। जरूरी सेवाओं के लिए बिजली चालू में होने में तकरीबन दो घंटे का समय लगा था। इसको देखते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मामले की जांच के आदेश दिए थे।