उत्तर-पूर्व में 75,000 करोड़ का निवेश करेगी रिलायंस, 25 लाख रोजगार सृजन का दावा: मुकेश अंबानी

नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मुकेश अंबानी ने शुक्रवार को एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि कंपनी अगले पांच वर्षों में उत्तर-पूर्व भारत में ₹75,000 करोड़ का निवेश करेगी। इस निवेश से क्षेत्र में 25 लाख से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है।

अंबानी उभरते पूर्वोत्तर निवेशक शिखर सम्मेलन 2025 को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पिछले चार दशकों में रिलायंस ने इस क्षेत्र में पहले ही ₹30,000 करोड़ का निवेश किया है और अब कंपनी इस निवेश को दोगुने से भी अधिक करने की योजना बना रही है।

उन्होंने यह भी कहा कि यह निवेश उत्तर-पूर्व के 4.5 करोड़ नागरिकों के जीवन को सकारात्मक रूप से छूने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।

5G नेटवर्क और AI पर बड़ा फोकस

मुकेश अंबानी ने बताया कि जियो ने अब तक उत्तर-पूर्व की 90% आबादी तक 5G नेटवर्क पहुंचा दिया है, और 50 लाख से ज्यादा ग्राहक इससे जुड़े हैं। इस वर्ष इस संख्या को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है।

उन्होंने कहा कि रिलायंस का उद्देश्य AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की शक्ति को स्कूलों, अस्पतालों, उद्यमों और घरों तक पहुंचाना है, जिससे स्थानीय प्रतिभा और तकनीक का मिलन हो सके।

कृषि और सौर ऊर्जा क्षेत्र में भी निवेश

रिलायंस खाद्यान्न, फल और सब्जियों की खरीद बढ़ाकर किसानों की आय में सुधार करना चाहती है। इसके साथ ही कंपनी एफएमसीजी सेक्टर में स्थानीय उत्पादन इकाइयों और कारीगरों की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए भी निवेश करेगी।

मुकेश अंबानी ने कहा कि रिलायंस क्षेत्र में सौर ऊर्जा उत्पादन को कई गुना बढ़ाने जा रही है। इसके साथ ही 350 संपीड़ित बायोगैस प्लांट बनाकर बंजर ज़मीन को उपजाऊ और उपयोगी बनाने की योजना है।

स्वास्थ्य और खेल में भी योगदान

रिलायंस फाउंडेशन द्वारा मणिपुर में 150 बेड वाला आधुनिक कैंसर अस्पताल शुरू किया गया है। इसके अलावा मिजोरम विश्वविद्यालय के साथ मिलकर स्तन कैंसर पर रिसर्च, और गुवाहाटी में एडवांस जीनोमिक लैब की स्थापना भी की गई है, जो भारत में सबसे बड़ी जीनोम अनुक्रमण प्रयोगशालाओं में से एक होगी।

अंबानी ने बताया कि रिलायंस फाउंडेशन सभी आठ उत्तर-पूर्वी राज्यों में ओलंपिक प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करेगा, जिससे स्थानीय युवाओं को अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं के लिए तैयार किया जा सके।