इंदौर : जानलेवा साबित हो रहा ब्लैक फंगस, अस्पतालों में भर्ती 500 से ज्यादा मरीज, अब तक 44 हुईं मौतें

इंदौर में कोरोना संक्रमण उफान पर था जो अब थमता हुआ नजर आ रहा हैं और संक्रमण की रफ्तार भले ही 1% से कम हो गई है लेकिन अब ब्लैक फंगस आफत बनता जा रहा हैं और जानलेवा साबित हो रहा हैं। हर दिन ब्लैक फंगस (म्यूकर माइकोसिस) के मामले लगातार सामने आ रहे हैं और मरने वालों की तादाद भी बढ़ती जा रही हैं। सोमवार को 2 मरीजों की मौत हो गई और इसी के साथ ही अब तक इंदौर में 44 लोगों की मौतें हो चुकी हैं। ब्लैक फंगस से ग्रस्त मरीज सबसे पहले मई में अरबिंदो और बॉम्बे हॉस्पिटल में भर्ती हुए थे। इसके बाद से लगातार सिलसिला जारी है।

अभी 308 मरीज अकेले महाराजा यशवंतराव (MY) अस्पताल में ही भर्ती हैं, जबकि निजी अस्पतालों में 200 से ज्यादा भर्ती हैं। पूर्व में महाराजा यशवंतराव अस्पताल में 225 मरीज भर्ती थे, लेकिन इनकी संख्या अब 308 हो गई है। अस्पताल की तीसरी, चौथी, पांचवीं व छठी मंजिलों पर इन्हें भर्ती किया गया है। सोमवार को भी 16 नए मरीजों को भर्ती किया गया। कुल 308 मरीजों में से 17 कोविड पॉजिटिव, 245 पोस्ट कोविड, जबकि 46 मरीजों में कोरोना की हिस्ट्री नहीं पाई गई। वर्तमान में रोज 8 से 10 सर्जरी हो रही है। सोमवार को भी 10 सर्जरी हुई। इनके सहित अब तक 413 मरीजों की सर्जरी हो चुकी हैं। मरीजों की एंडोस्कोपी भी जारी है। सोमवार को 30 मरीजों की एंडोस्कोपी हुई। इनके समेत अब तक 719 एंडोस्कोपी हो चुकी हैं। ऐसे ही 7 मरीजों को डिस्चार्ज किया। इनके समेत 222 मरीजों को डिस्चार्ज हो चुके हैं। अहम यह कि भर्ती मरीजों में से आधे से ज्यादा आसपास के दूसरे जिलों के मरीज हैं।

करीब 10 दिन पहले 12 हजार एंफोटेरेसिन-बी इंजेक्शन शहर को उपलब्ध हुए, लेकिन इनसे अधिकांश मरीजों को ठंड लगने, बुखार आने, उल्टी-दस्त की शिकायतें हुई। इस कारण इनके डोज की अवधि ज्यादा की गई, लेकिन फिर भी स्थिति वैसी ही रही। इसके चलते ये इंजेक्शन बंद कर दिए गए। अब इन्हें लाइपोजोमल (एंफोटेरेसिन) इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं।