राम मंदिर पर मोहन भागवत का बयान, मुस्लिम मौलानाओं ने कहा - हिंदुओं को धैर्य रखना चाहिए

लोकसभा चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद रविवार को उदयपुर पहुंचे आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा अयोध्या में भव्य राममंदिर के निर्माण पर समर्थन करते हुए दिए गए बयान पर मुस्लिम मौलानाओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। दरहसल, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि राम का काम करना है और वो होकर रहेगा। सबको मिलकर करना है राम का काम। राम हमारे अंदर रहते हैं। खुद का काम खुद करना पड़ता है। सौंप देते हैं किसी को फिर भी निगरानी रखनी पड़ती है।

मुस्लिम मौलानाओं का आया चौंकाने वाला रिएक्शन

- ईदगाह के इमाम और सुन्नी धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा, ऐसा बयान देना सही नहीं है जब मामला सर्वोच्च न्यायालय में हो। मध्यस्थता की प्रक्रिया भी अदालत की निगरानी में चल रही है।

- उन्होंने कहा, मुस्लिम निर्णय का इंतजार कर रहे हैं और हिंदुओं को भी धैर्य रखना चाहिए। इस तरह के बयान से केवल विवाद होता है।

- बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक और आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य जफरयाब जिलानी ने कहा, आरएसएस प्रमुख का बयान इस समय सही नहीं है जब मध्यस्थता की प्रक्रिया चल रही है। मुसलमानों ने हमेशा कहा है कि वे सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को स्वीकार करेंगे। इसलिए इस तरह के बयान की क्या जरूरत है?

- शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि जब मामला अदालत के अधीन है, दोनों समुदाय के नेताओं को ऐसे बयानों से दूर रहना चाहिए।

बता दे, भागवत शुक्रवार से ही उदयपुर के चार दिवसीय दौरे पर हैं, जहां वह आरएसएस द्वारा संचालित 'संघ शिक्षा सेवा द्वितीय' प्रशिक्षण शिविर में भाग लेने आए हुए हैं। शुक्रवार को उदयपुर हवाईअड्डे पर उतरने के तुरंत बाद भागवत ने मीडिया से कहा, आ गई है सरकार वापस।