संसद में आज पेश होगा आर्थिक सर्वे, पता चलेगा कैसी है देश की आर्थिक सेहत, बजट कल

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) आज लोकसभा में दोपहर 12 बजे आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगी। आर्थिक सर्वे रिपोर्ट को बजट (Budget 2019) से ठीक एक दिन पहले संसद में पेश किया जाता है। अक्सर देश का आर्थिक सर्वे आम बजट के लिए नीति दिशा-निर्देश के रूप में कार्य करता है, इससे देश की आर्थिक सेहत का पता चलता है। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला आम बजट पांच जुलाई यानी कल पेश होगा।

दरअसल, आर्थिक सर्वे में देश के विकास का सालाना लेखा-जोखा होता है। इसे वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार आर्थिक सर्वे करके तैयार करते हैं। य‍ह वित्‍त मंत्रालय का बहुत ही महत्‍वपूर्ण दस्‍तावेज होता है। खासकर इसमें सरकार की नीतियों के बारे में जानकारी होती है। इसके जरिये सरकार ये बताने की कोशिश करती है कि उसने आम लोगों के हित में जो योजनाएं शुरू की हैं। उसका प्रदर्शन कैसा है और अर्थव्यवस्था के लिए भविष्य में कितनी बेहतर संभावनाएं हैं।

इस बार आर्थिक सर्वे देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यन ने तैयार किया है। दरअसल पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन के पद छोड़ने के बाद पिछले साल दिसंबर में केवी सुब्रमण्यन को इस पद पर नियुक्त किया गया। बता दें, मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल संसद में पेश करेंगी।

मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में रक्षा मंत्री और दूसरे कार्यकाल में वित्त मंत्री बनी निर्मला सीतारमण का ये पहला बजट है और इसी लिहाज से पहली बार वो आर्थिक सर्वेक्षण भी सदन के पटल पर रखेंगी। निर्मला सीतारमण देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री हैं और इस लिहाज से उनके सामने कई चुनौतियां भी होंगी। इस बजट में वित्त मंत्री के ऊपर फिर से देश की इकोनॉमी को सही ट्रेक पर लाने की जिम्मेदारी भी है।

5 जुलाई को पेश होगा बजट, 8 जुलाई को होगी बजट पर आम चर्चा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 5 जुलाई को सुबह 11:00 बजे अपने बजटीय भाषण की शुरुआत करेंगी। वित्त मंत्री अपने भाषण की शुरुआत लोकसभा स्पीकर को संबोधित करके शुरू करेंगी। इसके अलावा 8 जुलाई को बजट पर आम चर्चा हो सकती है और 11 से 17 जुलाई के बीच अनुदान मांगों पर भी चर्चा हो सकती है।

सेक्टर्स जिनपर रहेगा इस बार फोकस

उम्मीद की जा रही है कि इस बार मोदी सरकार के आर्थिक सर्वेक्षण में कई जरूरी सेक्टर्स पर फोकस रहेगा। खासकर कृषि, नौकरी और निवेश एजेंडे में होगा। वैसे भी आर्थिक सर्वेक्षण में अर्थव्यवस्था, फिस्कल डेवलपमेंट, मॉनेटरी मैनेजमेंट, कृषि, निर्यात, उद्योग, इंफ्रास्टक्चर, सेवा क्षेत्र, सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर और रोजगार पर फोकस रहता है।