एयर इंडिया की 100% हिस्सेदारी बेचेगी सरकार

मोदी सरकार वित्तीय संकट से गुजर रही सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया में अपनी 100% हिस्सेदारी बेचने जा रही। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को संसद में यह जानकारी दी। एयर इंडिया पर फिलहाल करीब 60,000 करोड़ रुपये का कर्ज है, जिसमें विमानों की खरीद और कार्यशील पूंजी हेतु लिए गए दीर्घकालिक कर्ज भी शामिल हैं। एयर इंडिया को वित्त वर्ष 2018-19 में 8,400 करोड़ रुपये का जबरदस्त घाटा हुआ। एयर इंडिया पहले से ही लंबे समय से पैसों की कमी से जूझ रही है और कर्ज के बोझ से दबी हुई है। ज्यादा ऑपरेटिंग कॉस्ट और फॉरेन एक्सचेंज लॉस के चलते कंपनी को भारी घाटा उठाना पड़ा है। एयर इंडिया को एक साल में जितना घाटा हुआ है उतने में तो एक नई एयरलाइंस शुरू की जा सकती है।

नागरिक विमानन मंत्री ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा, 'नई सरकार के गठन के बाद, एयर इंडिया स्पेशफिक अल्टरनेटिव मेकैनिज्म (AISAM) का दोबारा गठन किया गया है और एयर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश की प्रक्रिया को अप्रूव कर दिया गया है। AISAM ने 100 पर्सेंट हिस्सेदारी बिक्री को मंजूरी दी है।'

आपको बता दे, सरकार इस सरकारी कंपनी में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने के लिए बोली दस्तावेज तैयार कर रही है और विनिवेश प्रक्रिया को पूरा करने की समय सीमा 31 मार्च निर्धारित की गई है। पहले के प्रयास में मोदी सरकार ने मई 2018 में अपनी 76% हिस्सेदारी बेचने के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट (ईओआई) आमंत्रित किया था लेकिन बोली के पहले चरण में एक भी निजी पार्टी ने दिलचस्पी नहीं दिखाई।