ड्राइविंग लाइसेंस के नियमों में मोदी सरकार करने जा रही है बड़े बदलाव, मिलेंगे नौकरी के मौके

ड्राइविंग लाइसेंस के नियमों में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने बड़ा बदलाव किया है। सरकार ने ड्राइविंग लाइसेंस के लिए मिनिमम एजुकेशनल क्वालिफिकेशन की बाध्यता को खत्म कर दिया है। जिसकों लेकर मंत्रालय की ओर से एक नोटिफिकेशन जारी किया गया है। सरकार का यह कदम देश में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए उठाया जा रहा है। जारी किए गए नोटिफिकेशन में कहा गया है कि अब ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने या रिन्यू कराने के लिए 8वीं पास शैक्षणिक योग्यता की अनिवार्यता नहीं रहेगी। सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स, 1989 के नियम 8 के तहत ट्रांसपोर्ट व्हीकल ड्राइवर ​बनने के लिए कक्षा 8 पास होना जरूरी है। सरकार के इस फैसले से युवाओं के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे और यह निर्णय परिवहन के क्षेत्र में लगभग 22 लाख ड्राइवरों की कमी को पूरा करेगा। सरकार के इस फैसले से उन लोगों को तुरंत फायदा होगा जो 8वीं पास नहीं होने के कारण अपने लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं करा पा रहे हैं।

जल्द जारी होगी अधिसूचना

मंत्रालय की ओर से बयान में कहा गया कि केंद्रीय मोटर वाहन 1989 के अनुच्छेद 8 में संशोधन करने के लिए एक प्रक्रिया शुरू की गई है और इस संबंध में एक मसौदा तैयार कर जल्द ही अधिसूचना जारी की जाएगी। हालाकि, मंत्रालय ने यह भी कहा है कि सड़क सुरक्षा के नियमों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। कम पढ़े लिखे लोगों को ट्रेनिंग के जरिए सड़क सुरक्षा के नियम बताए जाएंगे। बयान में यह भी कहा गया कि मंत्रालय ने इसके साथ ही ड्राइवरों की ट्रेनिंग व स्किल टेस्टिंग पर भी जोर दिया है ताकि सड़क सुरक्षा के साथ कोई समझौता न हो। ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अप्लाई करने वाले हर व्यक्ति के लिए कड़ा स्किल टेस्ट पास करना अनिवार्य होगा।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से अनिवार्य शैक्षणिक योग्यता से छूट देने की सिफारिश की थी। अनिवार्य योग्यता के नियम की वजह से मेवात क्षेत्र के 20 हजार से ज्यादा चालकों के लाइसेंसों का नवीनीकरण नहीं हो पा रहा है।