लॉकडाउन का डर: दिल्ली के बाद अब मुंबई में भी शुरू हुआ प्रवासी मजदूरों का पलायन, रेलवे स्टेशन पर दिखी भारी भीड़

देश में बढ़ते कोरोना के बीच बीते साल 2020 की तस्वीर एक बार फिर देखने को मिल रही है। मार्च में मामलों का बढ़ना, फिर सरकार का पाबंदियों का ऐलान करना। इसके साथ ही देश के अलग-अलग हिस्सों से आकर बड़े शहरों में नौकरी करने वाले मजदूरों का पलायन भी अब शुरू हो गया है। जो काफी चिंताजनक है। गुरुवार को दिल्ली के आनंद विहार रेलवे टर्मिनल से कुछ तस्वीरें सामने आई थी जिसमें बड़ी संख्‍या में लोग अपने प्रदेश की ओर रुख करते नजर आए। वहीं, अब येही नजारा मुंबई में भी देखने को मिल रहा है। यहां भी बड़ी तादाद में प्रवासी मजदूर अपने घरों को लौट रहे हैं। रेलवे स्टेशन पर भारी भीड़ देखी जा रही है। दरअसल, साल 2020 में कोरोना वायरस की मार झेलने वालों में एक वर्ग प्रवासी मजदूर का भी है। सरकार की तरफ से लगाए गए लॉकडाउन के बाद बड़ी संख्या में लोगों ने पैदल ही अपने घरों का रास्ता तय किया था। उस दौरान रेल, बस और सभी तरह की यात्रा सुविधाओं पर पाबंदी लगा दी गई थी। अब मजदूरों को एक बार फिर उसी दौर का डर सताने लगा है। इसी के चलते उन्होंने घरों की ओर लौटना शुरू कर दिया है।

झारखंड में भी लौट रहे मजदूर

झारखंड में भी लौट रहे मजदूरों की संख्या बढ़ी है। यहां हर रोज सैकड़ों की संख्या में प्रवासी मजदूर महाराष्ट्र, पंजाब, दिल्ली और तेलंगाना से लौट रहे हैं। ओडिशा के गंजम जिले में भी यही हाल हैं। गुजरात, महाराष्ट्र और केरल जैसे देश के हॉटस्पॉट राज्यों में रहकर काम कर रहे मजदूरों ने अपने गांव लौटना शुरू कर दिया है। वहीं, सूरत और मुंबई से आ रही रेलगाड़ियां भी पूरी भरी हुई नजर आ रही हैं। कहा जा रहा है कि पांच राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव भी मजदूरों के वापस आने का बड़ा कारण बन रहा है।

कर्नाटक में काम कर रहे कई मजदूर मतदान के लिए अपने गांव वापस चले गए हैं। साथ ही वे संभावित पाबंदियों के चलते वापस लौटने को भी अनिच्छुक हैं। झारखंड के गोविंद कुमार गिरिध जिले से आते हैं। वे मुंबई के एक कॉफी शॉप में बीते पांच सालों से काम कर रहे हैं। बीते गुरुवार को उनकी सैलरी का एक बड़ा हिस्सा घर वापसी के लिए हवाई टिकट खरीदने में खर्च हो गया। वे बताते हैं 'यहां 30 अप्रैल तक नाइट कर्फ्यू जारी है। इसलिए मुझे घर वापस जाने के लिए कहा। उन्होंने कहा है कि वे हालात सामान्य होने पर मुझे बता देंगे।'

हालांकि, कोविड का डर ही बड़ा कारण नहीं है। कर्नाटक में कुछ लोग कटाई के मौसम के लिए घर चले गए हैं। जबकि, तमिलनाडु, केरल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और ओडिशा में लोग आगामी त्यौहारों के लिए पहुंच रहे हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि करीब 8 लाख लोग वापस चले गए हैं और यह संख्या दिन भर दिन बढ़ती जा रही है।

1 लाख 31 हजार 878 मरीज मिले

आपको बता दे, देश में गुरुवार को कोरोना संक्रमण ने रिकॉर्ड बनाया है। पिछले 24 घंटे के अंदर देश में 1 लाख 31 हजार 878 लोग संक्रमित पाए गए। पिछले साल वायरस के शुरू होने से लेकर अब तक एक दिन के अंदर मिले मरीजों की ये संख्या सबसे अधिक है। इसके पहले बुधवार को देश में सबसे ज्यादा 1 लाख 26 हजार 276 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। गुरुवार को रिकवर होने वालों का आंकड़ा 61 हजार 829 रहा। संक्रमण के चलते मरने वालों की 802 रही। 17 अक्टूबर के बाद ये पहली बार है जब एक दिन के अंदर 800 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। 17 अक्टूबर को 1032 मरीजों ने जान गंवा दी थी।

महाराष्ट्र में गुरुवार को 56,286 नए मरीज मिले। 36,130 मरीज ठीक हुए और 376 की मौत हो गई। राज्य में अब तक 32.29 लाख लोग इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं। इनमें से 26.49 लाख लोग ठीक हुए हैं, जबकि 57,028 की मौत हुई है। यहां फिलहाल करीब 5.21 लाख लोगों का इलाज चल रहा है।