भारत को तनाव कम करने में आगे बढ़कर भूमिका निभानी चाहिए, पाकिस्तान के हमलों के बीच महबूबा मुफ्ती का बड़ा बयान

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (JKPDP) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच शांति और वार्ता की आवश्यकता पर जोर दिया है। पाकिस्तान की ओर से भारतीय क्षेत्रों में लगातार हमलों के बावजूद, महबूबा मुफ्ती ने भारत से शांति प्रयासों का नेतृत्व करने की अपील की है।

महबूबा मुफ्ती ने कहा, हमारे क्षेत्र के लोगों ने लंबे समय से इस तरह के संघर्षों का खामियाजा भुगता है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और उभरती वैश्विक शक्ति के रूप में भारत को तनाव कम करने में आगे बढ़कर भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने आगे कहा, भारत को असंगत अंतरराष्ट्रीय गठबंधनों पर नहीं बल्कि शांति और लोकतांत्रिक ताकत के अपने सिद्धांतों पर भरोसा करना चाहिए।

महबूबा मुफ्ती ने यह भी कहा कि भारत को यह दिखाना चाहिए कि उसकी असली ताकत उसके परमाणु शस्त्रागार में नहीं बल्कि शांति और वार्ता के प्रति उसकी प्रतिबद्धता में निहित है। उन्होंने कहा, बदला केवल हिंसा के चक्र को बढ़ाता है। सच्चा नेतृत्व वही दिखाता है जो इस चक्र को तोड़ता है।

महबूबा मुफ्ती ने अंत में कहा, हमारे बच्चों को युद्ध की छाया के बिना एक उज्जवल भविष्य मिलना चाहिए।

इससे पूर्व शुक्रवार को महबूबा मुफ्ती ने एक बयान में भारत और पाकिस्तान से युद्धविराम की अपील की थी। उन्होंने कहा कि अब जबकि दोनों देशों ने 'हिसाब बराबर' कर लिया है, तो आम लोगों की जान बचाने के लिए हमले रोक दिए जाने चाहिए। महबूबा ने सवाल उठाया कि मासूम बच्चे और महिलाएं इस संघर्ष की कीमत क्यों चुकाएं, और प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया कि वह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से सीधे संवाद कर इस सिलसिले को खत्म करें।

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि सीमावर्ती इलाकों में मासूम बच्चे और महिलाएं मारे जा रहे हैं, जबकि इस जंग का हिस्सा न वे हैं और न ही उनके हाथों में कोई फैसला है। उन्होंने कहा, पुलवामा हो या पहलगाम, हर हमले के बाद जवाबी कार्रवाई होती है, लेकिन क्या इससे समाधान निकल रहा है? जब तक दोनों देश राजनीतिक स्तर पर संवाद नहीं करते, तब तक यह सिलसिला नहीं रुकेगा।