जेडीयू ने मणिपुर में बीजेपी नीत सरकार से समर्थन वापस ले लिया है, साथ ही उसका एकमात्र विधायक विपक्ष में चला गया है। इसके बावजूद सीएम बीरेन सिंह की बीजेपी पर इसका कोई असर नहीं पड़ा।
एक बड़े राजनीतिक बदलाव में, जनता दल (यूनाइटेड) [जेडी(यू)] ने मणिपुर में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार से आधिकारिक तौर पर अपना समर्थन वापस ले लिया है। इस फैसले के बाद राज्य विधानसभा में पार्टी का एकमात्र विधायक विपक्ष में शामिल हो गया है।
राजनीतिक गतिशीलता में बदलाव 2022 से जेडी(यू) भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन का हिस्सा रहा है। हालांकि, पार्टी का गठबंधन तोड़ने का फैसला मणिपुर में सत्तारूढ़ सरकार के प्रति उसके रुख में बदलाव को दर्शाता है। 2022 में, जेडी(यू) के छह में से पांच विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे, जिससे मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की सरकार मजबूत हुई।
भाजपा के बहुमत को तत्काल कोई खतरा नहीं जद(यू) के बाहर जाने के बावजूद, मणिपुर विधानसभा में भाजपा का बहुमत यह सुनिश्चित करता है कि बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार की स्थिरता अप्रभावित रहेगी। वापसी से राज्य में शासन या विधायी प्रक्रियाओं पर असर पड़ने की संभावना नहीं है।
जद(यू) का कदम राज्य और राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर गठबंधनों में संभावित पुनर्संतुलन का संकेत देता है। राजनीतिक पर्यवेक्षक आगामी चुनावों से पहले इस निर्णय के किसी भी प्रभाव पर उत्सुकता से नज़र रख रहे हैं।