मणिपुर: आज से शुरू होगी इंटरनेट सेवा, 5 महीनों से लगा था बैन

नई दिल्ली। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने शनिवार सुबह घोषणा की कि राज्य में हिंसा भड़कने के करीब पांच महीने बाद बंद की गई मोबाइल इंटरनेट सेवाएं शनिवार से बहाल की जाएंगी। पिछले महीने मणिपुर हाई कोर्ट ने भी राज्य सरकार को मोबाइल फोन के माध्यम से इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने के लिए एक मैकेनिज्म तैयार करने का निर्देश दिया था।

3 मई को मणिपुर में मोबाइल इंटरनेट और ब्रॉडबैंड दोनों इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं, जिस दिन राज्य में पहली बार हिंसा भड़की थी। राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति का हवाला देते हुए, पहले पांच दिनों की अवधि के लिए लगाया गया इंटरनेट प्रतिबंध पांच महीनों तक लागू रहा।

सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स के जरिए दुष्प्रचार और झूठी अफवाहें तेजी से फैल रही थी। आंदोलनकारियों को सुविधा देने और उन्हें संगठित करने के लिए बड़ी संख्या में एसएमएस भेजे जा रहे थे, इस आशंका के बीच जानमाल का नुकसान और सार्वजनिक व निजी संपत्ति के नुकसान पहुंचाए जाने की संभावना बढ़ गई थी। इन स्थितियों का हवाला देते हुए मणिपुर में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बैन जारी रहने का फैसला लिया गया।

सीएम सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘सरकार ने फर्जी समाचार, दुष्प्रचार और नफरत फैलाने वाली सामग्री का प्रसार रोकने के लिए तीन मई को मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी थीं, लेकिन स्थिति में सुधार होने के कारण मोबाइल इंटरनेट सेवाएं आज से राज्यभर में बहाल की जाएंगी।’’ उन्होंने कहा कि सरकार अवैध प्रवासियों के आने की समस्या से निपटना जारी रखेगी। उन्होंने भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने की जरूरत पर बल दिया।

मुख्यमंत्री ने मुक्त आवाजाही व्यवस्था को रद्द करने का भी आह्वान किया, जिसके तहत भारत-म्यांमार सीमा के पास दोनों ओर रह रहे लोगों को बिना किसी दस्तावेज के एक-दूसरे के क्षेत्र में 16 किलोमीटर तक भीतर जाने की अनुमति है। सीएम सिंह की टीम के एक सदस्य ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि निर्णय संबंधित टीमों को भेज दिया गया है और संभावना है कि कुछ घंटों के भीतर मोबाइल इंटरनेट सेवा फिर से शुरू हो जाएगी।

मणिपुर में हालात में सुधार- सीएम बीरेन

मोबाइल इंटरनेट सेवाएं जहां पिछले 5 महीनों से लगातार प्रतिबंधित हैं, वहीं 25 जुलाई को एक सरकारी आदेश के बाद ब्रॉडबैंड सेवाओं को सशर्त बहाल कर दिया गया था। सीएम ने दावा किया कि पिछले दो महीनों में स्थिति में सुधार हुआ है और संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बलों की तैनाती के साथ गोलीबारी की घटनाओं में कमी आई है। उन्होंने यह भी कहा कि मणिपुर की मौजूदा स्थिति पिछली सरकारों की अनियोजित नीतियों का नतीजा है न कि किसी हालिया फैसले का तत्काल परिणाम है।