कोलकाता : आधी रात धरने पर बैठीं ममता बनर्जी, कहा- सत्याग्रह जारी रहेगा, आज सुप्रीम कोर्ट जाएगी सीबीआई

कोलकाता पुलिस के कमिश्नर के घर पहुंची सीबीआई टीम को हिरासत में लेने के बाद सियासी घमासान लगातार तेज होता नजर आ रहा है। रविवार शाम को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मीडिया से बातचीत में बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा। इसके बाद वे मेट्रो चैनल के पास धरने पर जा बैठीं। उनके साथ पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार भी धरने पर बैठे हैं। ममता के लिए आधी रात को धरने के लिए स्टेज बना दिया गया। रात ठीक 1.20 पर ममता मंच पर पहुंचीं। वहां ममता शॉल ओढ़कर कुर्सी पर बैठीं, जबकि कई नेता उनके साथ स्टेज पर नीचे बैठे हैं। आज देश के अलग-अलग हिस्सों से कई बड़े नेता आने वाले हैं। सुबह होने वाली भीड़ के मद्देनजर पूरी तैयारी की जा रही है। ममता के धरना स्थल पर इस समय हजारों लोग मौजूद हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ कैबिनेट मिनिस्टर्स, डीजीपी और शीर्ष पुलिस अधिकारी धरने पर बैठे हैं। राजीव कुमार भी ममता के साथ धरनास्थल पर मौजूद हैं। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि ‘भगवा पार्टी पुलिस और अन्य संस्थानों को नियंत्रण में लेने के लिये सत्ता का गलत इस्तेमाल कर रही है।’ बनर्जी ने ट्वीट किया, ‘भाजपा नेतृत्व का शीर्ष स्तर राजनीतिक बदले की ओछी भावना से काम कर रहा है। न सिर्फ राजनीतिक दल उनके निशाने पर हैं बल्कि पुलिस को नियंत्रण में लेने और संस्थानों को बर्बाद करने के लिये वे सत्ता का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। हम इसकी निंदा करते हैं।’

वहीं कोलकाता स्थित सीबीआई दफ्तर के बाहर सीआरपीएफ की तैनाती कर दी गई है। कई विपक्षी दल ममता बनर्जी के पक्ष में उतर चुके हैं और मोदी सरकार पर सीबीआई को मुहरे की तरह इस्तेमाल करने का आरोप लगा रहे हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उनसे मिलने कोलकाता जा सकते हैं। वहीं अखिलेश यादव ने भी ममता का समर्थन किया है। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने ममता बनर्जी से बात की और समर्थन देने की बात की। कल कोलकाता जा सकते हैं। बता दे, रविवार शाम को सीबीआई अफसर घोटाले की जांच से जुड़े मामले में ममता बनर्जी के करीबी माने जाने वाले कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ करने के लिए पहुंच थे लेकिन कोलकाता पुलिस ने सीबीआई टीम का रास्ता रोका और पांच सीबीआई अफसरों को थाने ले गई जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया। ममता बनर्जी ने कहा कि अफसरों के पास जरूरी वारंट नहीं था इसलिए उनका रास्ता रोका गया।

इस घटना के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कमिश्नर राजीव कुमार के घर पर बैठक की और बैठक के बाद सीबीआई की कार्रवाई को मोदी सरकार और बीजेपी की साजिश बताया।

गौरतलब है कि शारदा चिटफंड और रोज वैली चिटफंड घोटाले के मामले में मौजूदा कमिश्नर राजीव कुमार पर एसआईटी टीम का अध्यक्ष रहने के दौरान जांच में धांधली का आरोप है। सीबीआई का कहना है कि उनके पास राजीव कुमार के खिलाफ सबूत हैं और कई बार भेजे गए नोटिस का जवाब नहीं देने पर सीबीआई टीम उनके आवास पर पहुंची थी। कोलकाता में सीबीआई और पुलिस के बीच हुए टकराव को लेकर सीबीआई आज सुप्रीम कोर्ट जायेगी। सुबह 10:30 बजे सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर CBI चीफ़ जस्टिस से जल्द सुनवाई की मांग करेगी। इधर ममता सरकार भी सुप्रीम कोर्ट जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट के कहने पर सीबीआई ने घोटाले की जांच शुरु करते हुए आईपीएस राजीव कुमार के खिलाफ जांच शुरु की थी। कोलकाता में सभी केंद्रीय कार्यालयों की सुरक्षा सीआरपीएफ (केंद्रीय पुलिस बल) को सौंप दी गई है। इस बीच मामला सियासी तूल पकड़ता हुआ भी दिख रहा है।

बीजेपी ने ममता बनर्जी के कदम को संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ बताते हुए इसकी आलोचना की है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी धरने पर बैठ गई हैं। उन्होंने इस घटना को मोदी सरकार, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की साजिश करार दिया। कोलकाता में सीबीआई मुख्यालय की सुरक्षा के लिए कोलकाता पुलिस की जगह सीआरपीएफ की तैनाती की गई है।

इससे पहले सीएम ममला ने कोलकाता के कमिश्नर राजीव कुमार के आवास के बाहर कहा कि बीजेपी बंगाल पर अत्याचार कर रही है। वे जबरन बंगाल को नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि मैंने ब्रिगेड रैली की थी। कल आपने पीएम की भाषा देखी, जहां उन्होंने धमकी दी थी।

सीएम ममता ने कहा कि मैं अब भी कहती हूं कि कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार बेस्ट पुलिस अफसर हैं। वे कई साल से बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि मुझे यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि मेरी जिम्मेदारी मेरी राज्य की फोर्स को प्रोटेक्शन देना है। बिना सूचना के आप कोलकाता पुलिस कमिश्नर के घर आ रहे हैं। हम सीबीआई को गिरफ्तार कर सकते थे, लेकिन हमने छोड़ दिया।

उन्होंने सीबीआई को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि बिना सर्च वारंट के बिना एक आईपीएस के आवास में प्रवेश करने का उन्होंने दुस्साहस किया। इसके बावजूद मैंने उन्हें जाने दिया। आगे उन्होंने कहा कि मैं सभी 23 पोल पार्टियों से अनुरोध करती हूं कि हमें बीजेपी को बाहर करने की जरूरत है। ये मोदी सरकार की गुंडागर्दी है। मैं अपनी टीम के साथ खड़ी रहूंगी। मेरे नजरों में उनकी इज्जत है। मुझे आज बहुत दुःख है। यह संघीय ढांचे का विनाश है। सीएम ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे अब आईपीएस अफसरों को निशाने पर ले रहे हैं।

सीएम ममता ने कहा कि मैं किसी चीज से नहीं डरती। वे(बीजेपी) अब मीडिया का उपयोग वहां पॉइंटिंग पिच के लिए भी कर रही है। सीएम ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा के वे आपातकाल से भी बदतर तरीके से काम कर रहे हैं। उन्हें पता है कि बीजेपी 2019 में वापस नहीं आएगी।

शारदा चिटफंड घोटाले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि चिटफंड कंपनी के मालिक को हमने गिरफ्तार किया था न कि केंद्र की सरकार ने। आगे उन्होंने कहा कि मामले में हमने न्यायिक आयोग का गठन किया गया था और कांग्रेस ने मामला दायर किया था कि चिटफंड कंपनी का मालिक की गिरफ्तार की जानी चाहिए। हमने मामले की जांच की और गिरफ्तारी भी की। हमने घोटाले के बाद उन लोगों को पैसा लौटाने के लिए एक आयोग का गठन किया था।

टीएमसी प्रमुख के मुताबिक, वर्तमान सीबीआई चीफ और मिस्टर डोभाल प्रधानमंत्री मोदी के हाथों की कठपुतली हैं। सीएम ममता बनर्जी ने ऐलान किया कि मैं संघीय ढांचे को बचाने के लिए धरना देने जा रही हूं। आज से मैं मेट्रो चैनल के पास बैठने जा रहा हूं। कल राज्य विधानसभा में कार्यवाही होगी, जहां मैं एक बैठक आयोजित करूंगी। इस धरना का अर्थ है सत्याग्रह।

बता दे, सीबीआई, कमिश्नर से रोज वैली और शारदा पोंजी घोटाले से जुड़े मामलों में पूछताछ के लिए पहुंचे थे। पश्चिम बंगाल में एसआईटी टीम की अध्यक्षता कर रहे आईपीएस अफसर से गुम हुए दस्तावेजों और फाइलों को लेकर पूछताछ की जानी थी। इससे पहले इस बारे में नोटिस भी जारी किया गया था जिसका एजेंसी को कोई जवाब नहीं मिला था।

कोलकाता में सीबीआई की कार्रवाई और पश्चिम बंगाल के सियासी घटनाक्रम के बीच टीटागढ़, रिशरा में टीएमसी के कार्यकर्ता रेल रोको अभियान चलाने की कोशिश कर रहे हैं। इस वजह से ट्रेनों के प्रभावित होने की संभावना है। कोलकाता में मचे बवाल पर सीबीआई ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी से समय मांगा है।

कोलकाता पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर ने इस मामले पर बोलते हुए कहा, 'सीबीआई की एक टीम बिना किसी कागजात के आई और इसे वह सीक्रेट ऑपरेशन का नाम दे रहे थे। जब उनसे पूछा गया कि यह ऑपरेशन किस बारे में है तो कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया।'

बता दें कि कोलकाता में रविवार को ही सारदा चिटफंड मामले में जांच करने कोलकाता पुलिस कमिश्नर के आवास पहुंचे सीबीआई के पांच अफसरों को स्थानीय पुलिस से दो-चार होना पड़ा। पहले उन्‍हें कमिश्नर के आवास के बाहर रोककर वारंट दिखाने की मांग की गई। सीबीआई अफसरों के साथ हाथापाई भी की गई। बाद में लोकल पुलिस उन्हें हिरासत में लेकर पुलिस थाने ले गई।