नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष पद के चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने अब स्पष्ट कर दिया है कि वह विपक्ष के स्पीकर पद के उम्मीदवार के.सुरेश का समर्थन करेगी। हालांकि, इससे पहले तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी ने कहा था कि उनकी पार्टी से सलाह लिए बिना ही कांग्रेस के कोडिकुनिल सुरेश को उम्मीदवार बना दिया गया।
दरअसल, केंद्र सरकार ने लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए विपक्ष का समर्थन मांगा था। लेकिन विपक्ष उपाध्यक्ष पद की मांग कर रहा था। ऐसे में दोनों पक्षों के बीच सहमति नहीं बन पाई और 'INDIA' गठबंधन ने लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए ओम बिरला के खिलाफ के.सुरेश को उतारने का फैसला किया है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों का कहना था कि परंपरा के अनुसार लोकसभा उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को मिलना चाहिए और यदि सरकार इस पर सहमति देती है तो वह अध्यक्ष पद के लिए सरकार का समर्थन करेंगे।
के.सुरेश की उम्मीदवारी पर ममता बनर्जी के भतीजे और टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने चौंकाने वाला बयान दिया था। उन्होंने कहा था, किसी ने हमसे संपर्क नहीं किया। कोई बातचीत नहीं हुई, दुर्भाग्य से यह एकतरफा फैसला है।
हालांकि, बाद में मंगलवार शाम कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के घर हुई बैठक में तृणमूल कांग्रेस ने हिस्सा लिया था। इस बैठक में राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव, तृणमूल कांग्रेस के नेता
डेरेक ओब्रायन, शिवसेना (यूबीटी) के नेता अरविंद सावंत, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की नेता सुप्रिया सुले, द्रमुक नेता टीआर बालू और कई अन्य विपक्षी दलों के नेता शामिल थे।
सूत्रों के मुताबिक, अभिषेक बनर्जी के इस बयान के बाद राहुल गांधी ने खुद ममता बनर्जी से बात की और लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार के.सुरेश का समर्थन करने की अपील की थी। इस पर ममता बनर्जी तैयार हो गईं।