रेलवे का नया प्लान- मेल और एक्सप्रेस ट्रेन में अब सिर्फ होगी AC बोगी, 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी

भारतीय रेलवे लंबी दूरी की मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों से स्लीपर कोच को पूरी तरह खत्म करने का विचार कर रही है। यानी इन ट्रेनों में सिर्फ एसी बोगियां ही रहेंगी। इस तरह की ट्रेन की रफ्तार 130/160 किमी प्रति घंटा होंगी। लंबी दूरी की मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में फिलहाल 83 एसी कोच लगाने का प्रस्ताव है। हालांकि इस साल के अंत तक कोच की संख्या बढ़ाकर 100 कर दी जाएंगी। वहीं अगले साल कोच की संख्या 200 किए जाने का प्लान है। यानी कि आने वाले समय में यात्रा और ज्यादा आरामदायक और कम समय लेने वाला होगा। अच्छी बात यह है कि इसके बदले में किराया भी सामान्य एसी कोच के मुकाबले कम ही रखे जाने का प्लान है। दरअसल मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें के 130 किमी प्रति घंटे या उससे अधिक की रफ्तार से चलने पर नॉन-एसी कोच तकनीकी समस्याएं पैदा करती हैं। इसलिए इस तरह की सभी ट्रेनों से स्लीपर कोच को खत्म कर दिया जाएगा।

हालांकि इसका यह मतलब कतई नहीं है कि अब नॉन एसी कोच होंगे ही नहीं। असल में नॉन एसी कोच वाली ट्रेन की रफ्तार एसी कोच वाली ट्रेनों के मुकाबले कम होगी। जानकारी की मुताबिक ऐसी ट्रेन 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाई जाएंगी। यह सारा काम चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा, साथ ही नए अनुभवों से सबक लेते हुए ही आगे की योजना बनाई जाएगी।

39 नई पैसेंजर ट्रेनों को मिली मंजूरी

इससे पहले इंडियन रेलवे ने बुधवार को 39 नई पैसेंजर ट्रेनों को चलाने की मंजूरी दी है। ये सभी ट्रेनें स्पेशल ट्रेनों के रूप में चलाई जाएंगी। रेलवे की तरफ से सभी 39 ट्रेनों की लिस्ट जारी कर दी गई है, लेकिन अभी इन्हें कब से चलाया जाएगा, इसकी जानकारी नहीं दी गई है। रेलवे के मुताबिक जल्द ही ये 39 नई स्पेशल ट्रेनें पटरी पर दौड़ती नजर आएंगी।

सेंट्रल रेलवे के मुताबिक, 9 अक्टूबर से छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस और नागपुर, पुणे, गोंदिया और सोलापुर के बीच 10 स्पेशल पैसेंजर ट्रेनों को चलाया जाएगा। इन ट्रेनों में जनरल डिब्बे नहीं होंगे। बल्कि ये पूर्ण रूप से स्पेशल पैसेंजर ट्रेनें होंगी, जिसमें बिना कंफर्म टिकट के यात्रा की इजाजत नहीं होगी।

साथ ही इन ट्रेनों में भी वर्तमान में चल रहीं अन्य ट्रेनों की तरह ही इन ट्रेनों में भी कोरोना वायरस से संबंधित सभी नियमों का पालन करना होगा। इसमें सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजेशन, चेहरे पर मास्क आदि शामिल है।