महाराष्ट्र: उद्धव ठाकरे सरकार आज विधानसभा में साबित करेगी बहुमत, 2 बजे होगा शक्ति परीक्षण

महाराष्ट्र की विधानसभा में आज शक्ति परीक्षण होना है। शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस (Shiv Sena, NCP, Congress) गठबंधन की उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार शनिवार को दोपहर दो बजे विधानसभा (Maharashtra Assembly) में विश्वास मत साबित करेगी। शिवसेना का दावा है कि उसके पास 170 विधायकों का समर्थन है और सदन में वो आसानी से बहुमत साबित कर देगी। मिली जानकारी के मुताबिक, विश्वास प्रस्ताव पेश करने वाले नेताओं में सुनील प्रभु, धनंजय मुंडे, अशोक चव्हाण, पृथ्वीराज चव्हाण शामिल होंगे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता दिलीप वाल्से-पाटिल महाराष्ट्र विधानसभा के अस्थायी अध्यक्ष (प्रो-टेम स्पीकर) होंगे। अधिकारियों ने शुक्रवार को इस बात की जानकारी दी और कहा कि दिलीप वाल्से शनिवार को बुलाए गए सदन के विशेष सत्र की अध्यक्षता करेंगे।

दरअसल, महाराष्ट्र में नई सरकार के पास 3 दिसंबर तक अपना बहुमत सिद्ध करने का समय है। हालांकि, यह स्पष्ट हो गया है कि शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस वाली सत्तारूढ़ 'महा विकास अघाड़ी' शनिवार को ही सदन के पटल पर अपना बहुमत सिद्ध करने की कोशिश करेगी। इस बीच एनसीपी नेता अजित पवार ने शुक्रवार को कहा कि महाराष्ट्र विकास आघाडी के घटकों के बीच हुए समझौते के अनुसार उनकी पार्टी को उपमुख्यमंत्री पद मिलेगा, जबकि विधानसभा अध्यक्ष कांग्रेस से होगा। अजित पवार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अध्यक्ष पद के उम्मीदवार के चयन का फैसला एनसीपी द्वारा किए जाने का सवाल ही पैदा नहीं होता।’ पवार ने कहा, ‘तीनों दलों के शीर्ष नेताओं की बैठक में यह फैसला हुआ था कि मुख्यमंत्री शिवसेना, उपमुख्यमंत्री एनसीपी और अध्यक्ष पद कांग्रेस और उपाध्यक्ष पद एनसीपी के पास जाएगा।’ पवार ने तीन दिसंबर के बाद होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार के बारे में कहा कि मुख्यमंत्री ठाकरे इस बारे में फैसला करेंगे।

बता दें कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने 26 नवंबर को भी 287 नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाने के लिए एक वरिष्ठ भाजपा विधायक को प्रो-टेम स्पीकर नियुक्त किया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार, यह प्रक्रिया आराम से पूरी हुई थी।

बता दे, महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं। ऐसे में बहुमत के लिए 145 विधायकों का पक्ष में होना जरूरी है। बता दें कि शिवसेना के पास 56 विधायक, एनसीपी के पास 54 और कांग्रेस के पास 44 विधायक हैं। सभी विधायकों की संख्या को मिला दिया जाए तो कुल 154 होते हैं, यानी बहुमत से 9 ज्यादा। हालांकि शिवसेना दावा कर रही है कि बहुमत के आंकड़े से वो कहीं ज्यादा है।