'बीजेपी की दुश्‍मन नहीं है शिवसेना' फडणवीस के इस बयान पर संजय राउत बोले- हम आमिर और किरण जैसे जिनकी राहें अलग, लेकिन दोस्ती कायम

महाराष्ट्र में विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होने से पहले विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस के एक बयान ने राज्य की राजनीति में हलचल बढ़ा दी है। रविवार को दादर स्थित वसंत स्मृति भवन में पत्रकारों से बात करते हुए फडणवीस ने कहा कि शिवसेना हमारी शत्रु नहीं है, वैचारिक मतभेद हैं। इतना ही नहीं फडणवीस ने यह भी कहा कि राजनीति में सब कुछ स्थाई नहीं होता। हालांकि, उन्होंने शिवसेना से किसी तरह की चर्चा शुरू होने से इनकार किया है। राज्य की महाविकास अघाड़ी सरकार के खिलाफ फडणवीस आक्रामक तेवर अपनाए हुए हैं, लेकिन शिवसेना को लेकर उनका रुख नरम हो गया है।

सोमवार को पूर्व CM के इस बयान पर शिवसेना सांसद और प्रवक्ता संजय राउत ने कहा, 'हम भारत-पाकिस्तान जैसे नहीं हैं। आमिर खान और किरण राव को देखिए, हम उनके जैसे हैं। हमारी (शिवसेना-बीजेपी) की राजनीतिक राहे अलग हैं लेकिन हमारी दोस्ती अभी भी कायम है।' बीजेपी से नजदीकियों की खबरों को दरकिनार करते हुए शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, 'जितनी अफवाहें फैलेंगी, महाविकास अघाड़ी गठबंधन और मजबूत होगा। हमारे कुछ राजनैतिक और वैचारिक मतभेद जरूर हैं, लेकिन हम किसी पब्लिक फंक्शन में एक-दूसरे के सामने आते हैं तो जरूर मिलते हैं।'

फडणवीस के बयान पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा, 'यह 100% सही है कि भाजपा-शिवसेना दुश्मन नहीं है, लेकिन इसका मत्माब यह नहीं है कि वे दोनों साथ आकर सरकार बनाने जा रहे हैं।'

परिस्थितियों के हिसाब से फैसले लिए जाते हैं

बीजेपी और शिवसेना के एक साथ आने की संभावना पर फडणवीस ने कहा, 'हम (शिवसेना और बीजेपी) कभी दुश्मन नहीं रहे। वे हमारे दोस्त थे और जिन लोगों के खिलाफ उन्होंने लड़ाई लड़ी, उन्होंने उनके साथ मिलकर सरकार बनाई और हमें छोड़ दिया। राजनीति में किंतु-परंतु नहीं होता है। परिस्थितियों के हिसाब से फैसले लिए जाते हैं।'

फडणवीस ने आगे कहा कि शिवसेना ने हमारे साथ 2019 का विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन चुनाव जीतने के बाद उन्‍होंने उन्‍हीं लोगों राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस से हाथ मिला लिया, जिनके खिलाफ हमने चुनाव लड़ा था। फडणवीस ने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसियां कोर्ट के आदेश पर महाराष्‍ट्र में कई मामलों की जांच कर रही हैं।

उद्धव और PM की मुलाकात के बाद से जारी है चर्चा

दरअसल, पिछले महीने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। दोनों के बीच आधे घंटे अकेले में हुई बातचीत के बाद से भाजपा-शिवसेना के एक साथ आने को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। हालांकि, उद्धव ठाकरे ने मीडिया को बताया था कि उनके बीच मराठा आरक्षण के मुद्दे पर अकेले में बातचीत हुई। उस दौरान भी उद्धव ने कहा था कि PM मोदी कोई नवाज शरीफ थोड़ी हैं, जो उनसे अकेले में बात नहीं हो सकती।

इस हफ्ते NCP प्रमुख शरद पवार ने भी उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी। इस दौरान कैबिनेट मंत्री जीतेंद्र आव्हाड, गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल और आदित्य ठाकरे भी वहां मौजूद रहे। इसके बाद भी गठबंधन में अनबन की खबरें सामने आई थीं।