Maharashtra Political Crisis: एकनाथ शिंदे की ताकत बढ़ी, 4 और विधायक गुवाहाटी पहुंचे

महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी गठबंधन की सरकार का जाना अब लगभग तय माना जा रहा है। मुमकिन है कि आज तस्वीर साफ हो जाएगी, क्योंकि बीते कल की घटनाओं ने महाराष्ट्र के भविष्य का खाका खींच दिया है। इस बीच, एकनाथ शिंदे की ताकत बढ़ती जा रही है। बुधवार रात को करीब 8 बजे 4 और विधायक गुवाहाटी पहुंचे। इनमें शिवसेना के गुलाबराव पाटील, योगेश कदम शामिल हैं। बाकी 2 विधायक मंजुला गावित और चंद्रकांत पाटिल निर्दलीय हैं। यह कहा जा रहा है कि 2 और विधायक (कुर्ला के विधायक मंगेश कुदालकर और दादर के विधायक सदा सरवानकर) सूरत से गुवाहाटी के लिए रवाना होंगे। शिवसेना के बागी विधायकों की कुल संख्या 41 तक पहुंच गई। बाकी 7 निर्दलीय विधायक हैं। अब, एकनाथ के पास कुल 48 विधायकों के समर्थन होने का दावा किया जा रहा है।

इस बीच, कल शिंदे गुट ने 34 विधायकों के हस्ताक्षर वाली चिट्ठी गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी को भेजा है। चिट्ठी में कहा गया है कि एकनाथ शिंदे ही शिवसेना विधायक दल के नेता हैं। भरत गोगावले को नया चीफ व्हिप चुन लिया गया है। शिव सेना ने मंगलवार को शिंदे को विधायक दल के नेता पद से हटा दिया था।

बुधवार को दिनभर चली मीटिंग्स के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने देर शाम चौंकाने वाला फैसला लिया था। उद्धव ठाकरे बुधवार की रात को ही CM हाउस 'वर्षा' खालीकर मातोश्री पहुंच चुके हैं। इतना ही नहीं उन्होंने फेसबुक पर लाइव आकर कहा कि बागी सामने आकर उनसे बात करें। महाराष्ट्र की जनता से फेसबुक संवाद में कल उद्धव ठाकरे ने कहा कि इस्तीफा तैयार है। चाहे सीएम पद से से लो, चाहे पार्टी प्रमुख पद से। लेकिन उद्धव ठाकरे कहते हैं कि जो कुछ कहना है, सामने आकर कहो। ऐसा करके ठाकरे ने गेंद शिंदे गुट के पाले में डाल दी है।

उद्धव ठाकरे ने ये कदम उन्होंने तब उठाया, जब एकनाथ शिंदे ने स्पष्ट कह दिया कि शिवसेना का गठबंधन से बाहर आना बेहद जरूरी है, क्योंकि इसमें पार्टी खुद ही कमजोर हो रही है और राकांपा-कांग्रेस मजबूत। उद्धव के इस कदम की दो अहम वजहें भी मानी जा रही हैं। पहली- शरद पवार की सलाह कि CM शिंदे को ही बना दो। दूसरी- शिंदे खेमे का लगातार मजबूत होना, जिनके गुवाहाटी स्थित गढ़ में बागी विधायकों की संख्या 39 पहुंच चुकी है।