खतरा अभी टला नहीं, मुंबई के 95% नए केस में मिला ओमिक्रॉन वैरिएंट

देश में भले ही अब कोरोना मरीजों की संख्या में कमी देखने को मिल रही है लेकिन ओमिक्रॉन वैरिएंट का खतरा अभी भी बना हुआ है। मुंबई में 95% नए कोविड-19 सैंपल में ओमिक्रॉन पाया गया है। ऐसे में विशेषज्ञ लगातार कोरोना वायरस के खिलाफ बचाव के उपाय अपनाने को कह रहे हैं। महाराष्‍ट्र और मुंबई में भी अब कोरोना वायरस संक्रमण के नए मामलों में गिरावट के बीच यह चौंकाने वाला आंकड़ा है।

सोमवार को बृहन्‍मुंबई महानगर पालिका यानी बीएमसी ने जानकारी दी है कि मुंबई में जीनोम सीक्‍वेंसिंग के ताजे आंकड़ों के अनुसार लोगों से लिए गए कोविड-19 सैंपल में से करीब 95% में ओमिक्रॉन वैरिएंट पाया गया है। कोरोना के कुल 190 नमूनों में से 180 (94।74 फीसदी) में ओमिक्रॉन वेरिएंट मिला है। 190 में से 3 डेल्टा वेरिएंट के मामले हैं। 1 डेल्‍टा का है। जबकि 6 अन्य प्रकार के कोरोना वायरस के स्‍ट्रेन हैं।

मुंबई के 190 मरीजों में से जिनके स्वैब के नमूने जीनोम सीक्‍वेंसिंग के लिए भेजे गए थे, उनमें से 23 की मौत हो चुकी है और उनमें से 21 ओमिक्रॉन से संक्रमित थे। पिछले साल इससे पहले बीएमसी के अधिकार क्षेत्र से 280 सैंपल एकत्र किए गए थे। इनमें से 248 में ओमिक्रॉन वैरिएंट पाया गया था।

BMC के मुताबिक जीनोम सीक्‍वेंसिंग के नौवें दौर में 282 नमूनों की जांच की थी। इनमें से 190 नमूने मुंबई से और अन्‍य महाराष्ट्र के दूसरे हिस्सों से थे। बीएमसी ने कहा कि 190 मरीजों में से 74 मरीज (39%) 61 से 80 वर्ष आयु वर्ग के थे। 41 मरीज (22%) 41 से 60 वर्ष आयु वर्ग के थे। जबकि 36 मरीज (19%) 21 से 40 वर्ष आयु वर्ग के थे। 22 मरीज (12%) 81 से 100 वर्ष आयु वर्ग के थे। 17 मरीज (9%) 18 आयु वर्ग तक के थे। 190 संक्रमित मरीजों में से 13 की उम्र 18 साल से कम थी। इनमें से 11 ओमिक्रॉन (Omicron) से संक्रमित थे।

बीएमसी ने कहा कि 190 रोगियों में से 106 को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता थी। इनमें से 5 ने केवल वैक्सीन की पहली डोज ली थी और 50 ने दोनों डोज ली थी, जबकि 51 ने कोई डोज नहीं ली थी।

बीएमसी ने शहर में जीनोम सीक्‍वेंसिंग के 9वें दौर के परीक्षण परिणामों का हवाला देते हुए यह जानकारी दी है।