महाराष्ट्र को लेकर दिल्ली में हलचल तेज, राष्ट्रपति शासन के प्रस्ताव को कैबिनेट की हरी झंडी, राष्ट्रपति की मंजूरी का इंतजार

महाराष्ट्र में सरकार गठन पर आज भी जबर्दस्त सस्पेंस बना हुआ है। सारी नजरें अब कांग्रेस पर टिकी हैं। लगातर बैठकों के बाद भी पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी अभी तक शिवसेना को समर्थन देने पर कोई फैसला नहीं कर पाई हैं। ऐसे में महाराष्ट्र में अब राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की अटकलें तेज हो गई हैं। दरअसल, महाराष्ट्र में चल रही सियासी उठा पटक के बीच राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की ओर से राष्ट्रपति शासन की सिफारिश के बाद केंद्रीय कैबिनेट ने भी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अब सूबे में राष्ट्रपति शासन महज एक कदम दूर रह गया है। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही सूबे में राष्ट्रपति शासन लागू हो जाएगा।

महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने की खबर से वहां सियासी गहमागहमी बढ़ गई है। शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने की खबरों पर सवाल उठाते हुए कहा, 'जब एनसीपी को दिया का वक्त खत्म नहीं हुआ है, तो ऐसे में माननीय राज्यपाल राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कैसे कर सकते हैं?'

इससे पहले महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने देश के वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल से फोन पर बात की है। शिवसेना 3 दिन का समय मांग रही है। अगर ऐसा नहीं होता है तो शिवसेना कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है। इसी मसले पर ठाकरे ने सिब्बल से बात की है।