संजय राउत 170 विधायकों की लिस्ट दिखा रहे हैं, मुझे नहीं पता यह आंकड़ा कैसे हासिल किया : शरद पवार

24 अक्टूबर को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आए थे, लेकिन सरकार के गठन को लेकर स्थिति अब तक साफ नहीं है। शिवसेना और भाजपा दोनों मुख्यमंत्री पद को लेकर अड़ी हुई हैं। वही इस बीच आज बुधवार को राकांपा प्रमुख शरद पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। शरद पवार ने कहा कि जो राजनीतिक हालात हैं, उस पर कहने को कुछ नहीं है। हमें विपक्ष में बैठने का मौका मिला है। पवार ने कहा कि जिन्हें जनादेश मिला है, उन्हें चीजें सुधारनी चाहिए और सरकार बनानी चाहिए, ताकि हमें जो रोल मिला है उसे हम निभा सकें। शरद पवार ने कहा मैं चार बार मुख्यमंत्री रह चुका हूं। अब इसकी कोई इच्छा नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि शिवसेना नेता संजय राउत 170 विधायकों की लिस्ट दिखा रहे हैं, लेकिन मुझे यह नहीं पता कि यह आंकड़ा उन्होंने कैसे हासिल किया।

पवार ने कहा कि भाजपा-शिवसेना बीते 25 साल से साथ हैं आज या कल, वे फिर से साथ आ जाएंगे। विकल्प एक ही है कि भाजपा और शिवसेना मिलकर सरकार बनाएं। राष्ट्रपति शासन को दूर रखने का यही एकमात्र तरीका है।

वही इससे पहले आज एक बार फिर शिवसेना सांसद संजय राउत ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार के घर जाकर उनसे मुलाकात की थी। मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि पवार साहब महाराष्ट्र और देश के बड़े नेता हैं। वो राज्य की मौजूदा राजनीतिक तस्वीर से दुखी हैं। हम दोनों लोगों के बीच कुछ चर्चा भी हुई। इससे पहले संजय राउत ने कहा था, 'चुनाव से पहले जो प्रस्ताव दिया गया था, हम उसी प्रस्ताव पर राज़ी होंगे। उसी पर हमने चुनाव लड़ा था, उसी पर गठबंधन हुआ था। कोई प्रस्ताव ना आएगा, ना जाएगा, जो प्रस्ताव तय हुआ था सिर्फ उस पर बात होनी चाहिए। पार्टी को कोई नया प्रस्ताव मंजूर नहीं है।'

मंगलवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के घर हुई बैठक के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि जनता ने भाजपा-शिवसेना गठबंधन को जनादेश दिया है। हमने शिवसेना को प्रस्ताव भेजा है और हमें उनकी तरफ से कोई प्रस्ताव नहीं मिला। हम अगले 24 घंटे तक उनके जवाब का इंतजार करेंगे। हमारे दरवाजे खुले हैं। भाजपा के प्रस्ताव भेजने पर राउत ने कहा था कि उन्हें मुख्यमंत्री पद के लिए लिखित आश्वासन चाहिए। इसके जवाब में भाजपा नेता और प्रदेश के जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन ने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता। हम भारत और पाकिस्तान हैं क्या? हम शिवसेना के इतने दुश्मन बन गए हैं कि एक-दूसरे का कोई मुंह नहीं देखेंगे। शिवसेना को सामंजस्य की भूमिका अपनानी चाहिए।

राज्य में सरकार गठन को लेकर पैदा हुए गतिरोध के बीच मंगलवार रात मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर में संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की। इससे पहले सुबह शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के सलाहकार किशोर तिवारी ने संघ प्रमुख को पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने भागवत से आग्रह किया है कि वे सरकार गठन को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मध्यस्थता कराएं, ताकि भाजपा और शिवसेना के बीच जारी विवाद का सहमति से हल निकल सके।

वही इन सब के बीच यह भी खबर है कि कई कांग्रेसी विधायक भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को सरकार बनाने से रोकने के लिए शिवसेना को समर्थन देने के पक्ष में हैं। कांग्रेसी विधायकों का कहना है कि हमें शिवसेना और एनसीपी की सरकार का बाहर से समर्थन करना चाहिए और स्पीकर के पद पर दावा करना चाहिए।