सत्‍ता संग्राम : महाराष्ट्र जैसे 3 मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने पहले दिए हैं ये आदेश...

महाराष्ट्र में नई सरकार गठन का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के उस आदेश को रद्द करने की मांग की है, जिसमें उन्होंने सूबे में सरकार बनाने के लिए देवेंद्र फडणवीस को आमंत्रित किया था। सुप्रीम कोर्ट तीनों दलों की याचिका पर सुनवाई को तैयार हो गया है और यह सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की कोर्ट नंबर 2 में रविवार सुबह 11:30 बजे होगी। अब सवाल उठता है कि क्या आज सुप्रीम कोर्ट महाराष्ट्र में भी जल्द फ्लोर टेस्ट के आदेश देगी। अगर हम इसी तरह के पुराने मामलों पर नजर डाले तो सुप्रीम कोर्ट ऐसी स्तिथि में हमेशा से ही जल्द बहुमत साबित करने का आदेश देता रहा है। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने 1994 में एस आर बोम्मई मामले में फ्लोर टेस्ट की अवधारणा पेश की थी। पीठ ने कहा था कि फ्लोर टेस्ट सदन में संख्याओं का निर्णायक प्रमाण है। संविधान पीठ ने अनुच्छेद 164 (2) का उल्लेख किया था जिसमें कहा गया है कि मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से राज्य की विधान सभा के प्रति उत्तरदायी होगी। पीठ ने व्याख्या की कि बहुमत का अंतिम परीक्षण राजभवन में नहीं बल्कि सदन के पटल पर होता है।

आइए आपको अवगत करते है महाराष्ट्र जैसे 3 और मामलों के बारे में जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने दी ये फैसले

कल्याण सिंह और जगदंबिका पाल का मामला

24 फरवरी, 1998 को सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) विधानसभा में 48 घंटे के भीतर बहुमत साबित करने का आदेश दिया था। इसमें इस बात का निर्धारण होना था कि बहुमत जगदंबिका पाल के पास है या कल्याण सिंह के पास।

झारखंड का मामला

9 मार्च, 2005 को, सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड विधानसभा (Jharkhand Vidhansabha) को 11 मार्च, 2005 को बहुमत साबित करने के लिए आदेश दिया था। ताकि ये साबित हो कि सदन में किस राजनीतिक गठबंधन के बीच सदन में बहुमत है और कौन मुख्यमंत्री के लिए दावा कर सकता है।

बीएस येदियुरप्पा का मामला

18 मई, 2018 को कर्नाटक (Karnataka) से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अगले ही दिन शाम 4 बजे यानी मुश्किल से 24 घंटे के भीतर बहुमत साबित करने का आदेश दिया था। इससे पहले बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। कोर्ट ने कहा था कि आखिरकार यह एक नंबर-गेम है और ‘Pudding' का प्रमाण फ्लोर टेस्ट में है।

बता दे, आज 11:30 बजे इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चालू होगी। लेकिन इससे पहले मुंबई में जो सियासी हलचल हो रही है वह काफी चौकाने वाली है। दरअसल, आज सुबह बीजेपी के राज्यसभा सांसद संजय काकडे एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मिलने उनके घर पहुंचे। अब सवाल ये उठता है कि आखिर बीजेपी सांसद शरद पवार से मिलने क्यों पहुंचे हैं। संजय काकडे के अलावा एनसीपी नेता जयंत पाटील भी शरद पवार के घर पहुंचे हैं।

वही कांग्रेस के विधायकों को अब जयपुर नहीं भेजा जाएगा। 30 विधायकों को मुंबई के JW मेरिएट होटल में शिफ्ट किया गया है। जबकि बाकी विधायकों को भी यहीं लाया जाएगा।