
महाकुंभ 2025 के दौरान मौनी अमावस्या पर 29 जनवरी को हुई भगदड़ में मृतकों की संख्या पहले बताए गए 30 से बढ़कर 37 हो गई है। इनमें से 30 श्रद्धालुओं की मौत संगम नोज पर हुई, जबकि 7 अन्य श्रद्धालुओं की मौत संगम क्षेत्र के अलग-अलग स्थानों पर हुई। प्रयागराज मेला विकास प्राधिकरण ने 26 मार्च को अपने आधिकारिक X हैंडल पर इस आंकड़े को साझा किया, हालांकि अब तक मृतकों की आधिकारिक सूची प्रशासन द्वारा जारी नहीं की गई है। हादसे के बाद प्रशासन ने मुआवजे की प्रक्रिया शुरू की और अब तक 35 मृतकों के परिजनों के बैंक खातों में 25-25 लाख रुपये की राशि ट्रांसफर की जा चुकी है। हालांकि, हादसे में जान गंवाने वाले दो श्रद्धालुओं की अब तक पहचान नहीं हो सकी है, जिससे उनके परिवार तक मुआवजा पहुंचाने में देरी हो रही है। डीआईजी महाकुंभ वैभव कृष्ण ने पुष्टि की कि भगदड़ में कुल 37 श्रद्धालुओं की जान गई थी। इनमें से कुछ की मौत संगम लोअर मार्ग पर हुई, जबकि अन्य श्रद्धालु संगम क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में अपनी जान गंवा बैठे। प्रशासन अब भी मृतकों की सूची को अंतिम रूप देने और हादसे के कारणों की विस्तृत जांच में जुटा हुआ है।
दो अज्ञात मृतकों की पहचान के प्रयास जारीडीआईजी महाकुंभ ने बताया कि संगम नोज पर हुई भगदड़ में जान गंवाने वाले सभी श्रद्धालुओं के परिजनों को 25-25 लाख रुपये की मुआवजा राशि उनके बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी गई है। हालांकि, अब तक दो मृतकों की पहचान नहीं हो पाई है। प्रशासन उनकी पहचान सुनिश्चित करने के प्रयास कर रहा है ताकि उनके आश्रितों को भी मुआवजा राशि दी जा सके। महाकुंभ 2025 के मेलाधिकारी विजय किरण आनंद ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार दिन-रात काम कर मृतकों की पहचान पूरी करने और उनके परिजनों तक मुआवजा पहुंचाने का कार्य किया गया है।
प्रारंभिक रिपोर्ट में 30 मृतकों की पुष्टिभगदड़ के दिन श्रद्धालुओं की वास्तविक मौत का आंकड़ा स्पष्ट नहीं था, और इस संबंध में कोई आधिकारिक जानकारी उपलब्ध नहीं थी। शाम को प्रयागराज मेला विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष विजय किरण आनंद, एडीजी भानु भास्कर, डीआईजी महाकुंभ वैभव कृष्ण और एसएसपी महाकुंभ राजीव नारायण ने प्रेस कांफ्रेंस कर 30 श्रद्धालुओं की मौत और 60 के घायल होने की पुष्टि की थी। प्रारंभिक रिपोर्ट में भगदड़ को केवल संगम नोज तक ही सीमित माना गया था, लेकिन बाद में अन्य स्थानों पर भी मौतों की पुष्टि हुई।
अन्य स्थानों पर भी हुई थी श्रद्धालुओं की मौतमौनी अमावस्या के दिन संगम क्षेत्र में भारी भीड़ के कारण सिर्फ संगम नोज ही नहीं, बल्कि अन्य स्थानों पर भी भगदड़ की घटनाएं सामने आईं। संगम लोअर मार्ग और झूंसी साइड में भी कुछ श्रद्धालुओं की जान चली गई। भगदड़ के बाद वहां पड़े श्रद्धालुओं के बैग, कपड़े, जूते और अन्य सामान की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। हालांकि, उस समय प्रशासन ने झूंसी साइड में भगदड़ होने की खबर को नकार दिया था।
यूपी पुलिस ने पीड़ित परिवार को घर जाकर दी पहली किस्तभगदड़ में पश्चिम बंगाल के न्यू केंद्रा थाना जामुआ, पश्चिम वर्धमान के रहने वाले विनोद रुईदास की भी मौत हो गई थी। 19 मार्च को यूपी पुलिस के चार जवान उनके घर पहुंचे और उनकी पत्नी शर्मिला रुईदास को 5 लाख रुपये नकद सौंपे। पुलिस ने सादे पेज पर मुआवजा प्राप्त करने की रसीद ली और बताया कि यह पहली किस्त है। कुल 25 लाख रुपये के मुआवजे में से बाकी 20 लाख रुपये चार अन्य किस्तों में दिए जाएंगे। हालांकि, अन्य मृतकों के परिजनों के खातों में मुआवजे की रकम ऑनलाइन ही ट्रांसफर की गई है।