महाकुंभ 2025: 12 किलोमीटर लंबे घाट और सुरक्षा के साथ भव्य आयोजन की तैयारी पूरी

महाकुंभ शुरू होने में एक सप्ताह से भी कम समय बचा है, ऐसे में राज्य पुलिस ने मेला क्षेत्र में, खासकर संगम के आसपास सघन जांच अभियान शुरू किया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को यह जानकारी दी। सरकार का अनुमान है कि 13 जनवरी से 26 फरवरी तक धार्मिक समागम के दौरान विदेशियों सहित करीब 40 से 45 करोड़ पर्यटक आएंगे। यहां जारी एक बयान में कहा गया है, ‘‘महाकुंभ 2025 के सुचारू और सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करने के लिए पुलिस उप महानिरीक्षक वैभव कृष्ण (आईपीएस) के नेतृत्व में मुख्य स्नान पर्व से पहले सघन जांच अभियान शुरू किया गया। अभियान में संगम घाट, पंटून पुल और प्रमुख चौराहों जैसे प्रमुख स्थानों पर संदिग्ध व्यक्तियों और गतिविधियों की निगरानी बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।’’ 13 जनवरी से शुरू होनेवाले महाकुंभ में स्नान के लिए 12 किलोमीटर के क्षेत्र में घाटों का निर्माण किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयागराज दौरे से पहले सभी घाटों पर रोशनी की व्यवस्था की गई और सीढ़ियां तैयार की जा रहीं हैं तथा वस्त्र बदलने के लिए कक्ष बनाए गए हैं। उप्र मेला अधिकारी अभिनव पाठक ने बताया कि 12 किलोमीटर के क्षेत्र में सफाई व्यवस्था और घाटों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। उन्होंने बताया कि संगम क्षेत्र के प्रमुख घाटों को नए सिरे से विकसित किया गया है।

7 पक्के घाट बनाए गए

उन्होंने बताया कि महाकुंभ के दौरान गंगा और यमुना के किनारे 7 पक्के घाट बनाए गए हैं। इनमें दारागंज में गंगा नदी के किनारे बने 110 मीटर लंबे और 95 मीटर चौड़े दशाश्वमेध घाट पर ‘सीटिंग प्लाजा’ (बैठने की व्यवस्था), ‘चेंजिंग केबिन’ (वस्त्र बदलने के लिए कक्ष), पार्किंग, यज्ञशाला, आरती स्थल और ध्यान केंद्र जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। पाठक ने बताया कि इसी तरह, यमुना नदी के तट पर बने किला घाट को स्नानार्थियों की भारी भीड़ को संभालने के लिए तैयार किया जा रहा है।

निगरानी के लिए ‘वॉच टावर’

वहीं, यमुना नदी पर स्थित सरस्वती घाट स्नान और अन्य गतिविधियों के लिए उपयोगी होगा। उन्होंने बताया कि गंगा नदी के तट पर काली घाट, छतनाग घाट और यमुना नदी के तट पर मोरी घाट और महेवा घाट का निर्माण किया गया है। हर घाट पर अलग-अलग प्रतीक चिह्न (डमरु, त्रिशूल आदि) लगाए जा रहे हैं, ताकि लोगों को घाटों की पहचान में आसानी हो। उन्होंने बताया कि संगम पर निगरानी के लिए ‘वॉच टावर’ लगाए जा रहे हैं। सभी घाटों पर पानी में अवरोधकों की व्यवस्था की जा रही है। पाठक ने बताया कि सभी नावों की जांच की जा रही है और उनकी क्षमता एवं लाइसेंस नंबर स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किए जाएंगे।

संगम घाट और पंटून पुलों पर सघन सुरक्षा जांच

डीआईजी ने सभी थाना प्रभारियों को अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में सतर्कता बढ़ाने और सुरक्षा के प्रति कोई कोताही न बरतने के निर्देश दिए। बयान के अनुसार, किसी भी अप्रिय घटना को रोकने और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष उपाय किए गए हैं। अभियान के तहत अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक,क्षेत्राधिकारी और थाना प्रभारियों के नेतृत्व में टीमों ने संदिग्ध व्यक्तियों, वाहनों की गहन जांच की। सुरक्षा उपायों को मजबूत करने के लिए पंटून पुलों पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए। आगामी पर्व की तैयारी में पुलिस सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत कर रही है। सभी पुलिस थानों को सतर्क रहने और शांतिपूर्ण महाकुंभ सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

उत्तर प्रदेश को होगी भारी आय

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में इस आयोजन से होने वाले आर्थिक लाभ का खुलासा करते हुए बताया कि इससे उत्तर प्रदेश को लगभग 2 लाख करोड़ रुपये की आर्थिक वृद्धि की उम्मीद है। मुख्यमंत्री ने बताया कि महाकुंभ 2025 को भव्य, दिव्य और डिजिटल बनाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत: 1.5 लाख से अधिक स्वच्छ और पर्यावरण अनुकूल शौचालय बनाए गए हैं। गंगा और यमुना में प्रदूषण रोकने के लिए विशेष प्रबंधन किया गया है। आधुनिक तकनीकों का उपयोग करते हुए आयोजन को सुविधाजनक और सुरक्षित बनाया जा रहा है। महाकुंभ से पहले ही उत्तर प्रदेश में धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या देखी गई है। मुख्यमंत्री ने बताया कि साल 2024 में: 16 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन किए। जनवरी से सितंबर 2024 तक 13.55 करोड़ श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे।