प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मकर संक्रांति पर हरिद्वार में गंगा स्नान किया। इस पर राजनीतिक हलकों में बहस तेज हो गई है। अखिलेश यादव ने कहा, मां गंगा हरिद्वार से लेकर पश्चिम बंगाल तक बहती हैं, और हर स्थान का अपना महत्व है। मैं महाकुंभ में तब जाऊंगा, जब मां गंगा मुझे बुलाएंगी।
महाकुंभ: परंपरा और आस्था पर अखिलेश का बयानअखिलेश यादव ने महाकुंभ को हिंदू परंपरा का अहम हिस्सा बताते हुए कहा, महाकुंभ हजारों सालों से साधु-संतों और ऋषि-मुनियों के लिए आस्था का केंद्र रहा है। संगम पर स्नान करने और पूजा-अर्चना के दौरान इन संतों का दर्शन करना अपने आप में एक बड़ा अनुभव होता है। यह आयोजन महाकुंभ की शोभा बढ़ाता है।
सरकार पर अव्यवस्थाओं को लेकर निशानामहाकुंभ में जाने के सवाल पर अखिलेश यादव ने व्यवस्थाओं में कमियों का मुद्दा उठाते हुए कहा, इतने संसाधनों के बावजूद अगर किसी प्रकार की अव्यवस्था होती है, तो यह सरकार की विफलता को दर्शाता है। आज के डिजिटल युग में हर चीज रिकॉर्ड हो रही है। सरकार को इन कमियों पर ध्यान देना चाहिए और इन्हें दूर करना चाहिए।
'मां गंगा बुलाएंगी, तब करेंगे संगम स्नान'उन्होंने आगे कहा, गंगा हरिद्वार से पश्चिम बंगाल तक बहती हैं। जो जहां डुबकी लगाना चाहे, लगा सकता है। हर स्थान का अपना अलग महत्व है। मकर संक्रांति के दिन मैंने हरिद्वार में गंगा स्नान किया। संगम कब जाऊंगा, यह मां गंगा तय करेंगी।
केशव मौर्य का पलटवारडिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, अखिलेश यादव महाकुंभ में डुबकी लगाने से डर रहे हैं। वह भय के कारण प्रयागराज नहीं आए। अब उन्हें प्रायश्चित की डुबकी लगानी चाहिए। इसके अलावा, उन्होंने मिल्कीपुर उपचुनाव में बीजेपी की जीत का दावा करते हुए सपा पर निशाना साधा।