महाकुंभ में स्थापित हुआ विश्व का सबसे बड़ा महामृत्युंजय यंत्र, जानें दर्शन का महत्व और लाभ

प्रयागराज महाकुंभ में इस वर्ष धर्म और अध्यात्म का एक अनोखा दृश्य देखने को मिला है। यहां दुनिया का सबसे बड़ा और भव्य महामृत्युंजय यंत्र स्थापित किया गया है। यह यंत्र 52 फीट लंबा, 52 फीट चौड़ा और 52 फीट ऊंचा है। महामृत्युंजय यंत्र के माध्यम से महाकुंभ के सफल आयोजन, श्रद्धालुओं की सुरक्षा और उनकी दीर्घायु व निरोगी जीवन की कामना की जा रही है। यंत्र की स्थापना के साथ ही 24 घंटे महामृत्युंजय महायज्ञ का आयोजन हो रहा है, जिसमें रोज़ाना हज़ारों श्रद्धालु आहुति डालने और यंत्र के दर्शन के लिए उमड़ रहे हैं। सुनहरे रंग का यह यंत्र सूर्य की सीधी किरणों में चमकता है और श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है। इसे हरियाणा के हिसार स्थित महामृत्युंजय पीठ के आचार्य स्वामी सहजानंद सरस्वती ने स्थापित कराया है। इस यंत्र की भव्यता और आध्यात्मिक महत्ता महाकुंभ के श्रद्धालुओं को विशेष रूप से आकर्षित कर रही है।

सेक्टर 21 में सोहम आश्रम के पास यंत्र की स्थापना


महाकुंभ क्षेत्र के सेक्टर 21 में झूसी की ओर सोहम आश्रम के पास इस यंत्र को स्थापित किया गया है। इसे तैयार करने में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के 100 से अधिक कारीगरों ने महीनों की मेहनत की। यंत्र का आधार अष्ट धातुओं, लकड़ी के प्लाई बोर्ड और लोहे की प्लेट्स से बनाया गया है।

दर्शन मात्र से होते हैं कई लाभ


स्वामी सहजानंद सरस्वती के अनुसार, इस यंत्र के दर्शन से अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है और व्यक्ति को दीर्घायु, स्वास्थ्य, और शांति का आशीर्वाद मिलता है। यह कालसर्प दोष से मुक्ति प्रदान करता है और जीवन को सुखद बनाता है। सद्गुरु मां ऊषा ने बताया कि इस यंत्र की परिकल्पना तीन दशक पहले की गई थी, जिसे अब साकार किया गया है।

विशेष 52 अंक का महत्व

ज्योतिषाचार्य आचार्य हरिकृष्ण शुक्ल के अनुसार, वैदिक ज्योतिष में 52 अंक का विशेष महत्व है। इस कारण यंत्र को 52 फीट के अनुपात में निर्मित किया गया है। उन्होंने कहा कि इसकी स्थापना से श्रद्धालुओं की रक्षा होगी और महाकुंभ में सभी सुरक्षित रहेंगे।

शाम की आरती और भजनों का अद्भुत नजारा

शाम के समय होने वाली आरती और भजन कार्यक्रमों में संत महात्मा और श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगता है। चर्चित भजन गायक मिश्र बंधु भगवान भोलेनाथ पर आधारित भजनों की प्रस्तुति देते हैं, जो माहौल को भक्तिमय बना देती है।

महामृत्युंजय यंत्र: श्रद्धा और आस्था का प्रतीक


महाकुंभ में स्थापित यह महामृत्युंजय यंत्र न केवल श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा का भी स्रोत है। इसकी स्थापना महाकुंभ के धार्मिक महत्व को और भी बढ़ा देती है।