
देश के पहले वर्ल्ड क्लास हबीबगंज स्टेशन के नाम बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। भोपाल (Bhopal) में स्थित हबीबगंज स्टेशन का नाम अब रानी कमलापति स्टेशन होगा। पीएम नरेंद्र मोदी 15 नवंबर को इस स्टेशन का उद्घाटन करने वाले हैं और माना जा रहा है कि इसी दौरान इसके नए नाम का औपचारिक ऐलान भी कर सकते हैं। इससे पहले मध्य प्रदेश सरकार के परिवहन विभाग की ओर से एक प्रस्ताव केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा गया था, जिसमें यह कहा गया था कि हबीबगंज स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति किया जाना चाहिए। अब इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है और स्टेशन का नाम बदल गया है।
सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने गुरुवार को ट्वीट करते हुए कहा कि ‘भोपाल में 15 नवंबर 2021 को पीएम नरेंद्र मोदी का जनजातीय गौरव दिवस पर आना हमारे भोपाल के लिए शुभ संकेत हैं। इसके साथ ही मुझे विश्वास है कि मोदी जी हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वापपेयी जी के नाम पर रखने की घोषणा करेंगे।
दरअसल, इससे पहले बीजेपी के कुछ प्रमुख नेताओं की ओर से हबीबगंज स्टेशन का नाम बदलकर पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई के नाम पर किए जाने की मांग उठी थी। बीजेपी के पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया और पूर्व राज्यसभा सांसद प्रभात झा के अलावा सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने भी नाम बदलने की मांग की थी। हबीबगंज स्टेशन का नाम तो बदला जा रहा है लेकिन वह स्व अटल बिहारी वाजपेई पर ना होकर गोंड रानी, रानी कमलापति पर किया जाएगा। इसके पीछे वजह आदिवासियों को लुभाने की भी कोशिश हो रही है।
वहीं, इस मामले को लेकर प्रदेश कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने हबीबगंज स्टेशन के नाम बदलने का विरोध किया है। मसूद का कहना है कि हबीब साहब ने स्टेशन के लिए जमीन दान की थी, जिसकी वजह से इसका नाम हबीबगंज रखा गया था। उन्होंने कहा कि सरकार नाम बदलने की बजाए कोरोना पीड़ितों पर पैसा खर्च करे।
450 करोड़ की लागत से तैयार किया गया स्टेशनआपको बता दे, हबीबगंज स्टेशन को 450 करोड़ की लागत से तैयार किया गया है। इस दौरान हबीबगंज स्टेशन देश का पहला ऐसा स्टेशन बन गया है जहां एयरपोर्ट की तरह वर्ल्ड क्लास सुविधाएं यात्रियों को मिल सकेंगी। इस स्टेशन पर लोग बिना भीड़भाड़ के ट्रेन की बर्थ तक पहुंच सकेंगे। जो यात्री स्टेशन स्टेशन पर उतरेंगे, वे भी दो अलग-अलग रास्तों के जरिए स्टेशन के बाहर सीधे निकल जाएंगे।
आपको बता दे, 16वीं सदी में भोपाल गोंड शासकों के अधीन था। उस समय गोंड राजा सूरज सिंह शाह के बेटे निजाम शाह से रानी कमलापति का विवाह हुआ था। सन 1710 में भोपाल की ऊपरी झील के आसपास का क्षेत्र भील और गोंड आदिवासियों ने बसाया था। तत्कालीन गोंड सरदारों में निजाम शाह सबसे मजबूत माने जाते थे। रानी कमलापति ने अतिक्रमणकारियों का डटकर सामना किया था। आदिवासियों में रानी कमलापति के वीरता के किस्सों की अक्सर चर्चाएं होती हैं।
इन मायनों में है देश का पहला वर्ल्ड क्लास स्टेशन...- यह 5 स्टार जीईएम रेंटिंग वाला देश का पहला रेलवे स्टेशन है। ये देश का पहला ग्रीन स्टेशन है।
- पूरा स्टेशन सोलर एनर्जी से जगमग होगा।
- यह देश का पहला रेलवे स्टेशन है जो एनएफपीए (राष्ट्रीय अग्नि सुरक्षा अधिनियम) का अनुपालन कर रहा है। आग जैसी घटनाओं को रोकने के लिए भी स्टेशन पर खास इंतजाम किए गए हैं। नो स्मोकिंग जोन में धुआं उठने पर तत्काल स्प्रिंकलर एक्टिव हो जाएगा और आग पर काबू पा लिया जाएगा।
- स्टेशन में यात्रियों की आवाजाही को लेकर भी इस तरीके से व्यवस्थाएं की गई हैं कि चार मिनट के अंदर पूरा स्टेशन खाली हो सकेगा और यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सकेगा।