मध्य प्रदेश से सामने आया कोरोना का भयावह रूप, 61 दिनों में हुई 26 हजार मौतें, सरकारी आंकड़े कुछ और...

मध्य प्रदेश में बीते 61 दिनों में कोरोना से 26,399 मौतें हुई है। सबसे ज्यादा मौत अप्रैल के महीने में हुई। प्रदेश के भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर समेत 26 जिलों के प्रमुख मुक्तिधामों और कब्रिस्तानों से मिले मौत के आंकड़े पर नज़र डालें तो अप्रैल में 21,601 और मार्च में 4,798 लोगों की मौत हुई। दो महीनों में कुल 26,399 लोगों की मौत हुई। हालाकि, इनमें से 11,467 शवों का अंतिम संस्कार कोरोना प्रोटोकॉल के तहत किया गया है। अप्रैल में सबसे ज्यादा 10599, मार्च में 868 शवों का कोरोना प्रोटोकॉल से अंतिम संस्कार हुआ। देवास, नीमच, मंदसौर शिवपुरी, बुरहानपुर, झाबुआ, छतरपुर, ऐसे शहर हैं, जहां मार्च में एक भी कोविड शवों का अंतिम संस्कार होना दर्ज नहीं है। जबकि अप्रैल में इनमें से प्रत्येक में 50 से ज्यादा कोविड अंतिम संस्कार हुए।

भोपाल में मार्च में 165 और अप्रैल में 2675 वहीं, इंदौर में मार्च में 306 और अप्रैल में 2259 शवों का अंतिम संस्कार कोरोना प्रोटोकॉल के तहत किया गया है। जबलपुर में मार्च में 115 कोविड शव पहुंचे थे, जो अप्रैल में 1561 हो गए। यानी 31 दिन में 1257% शव बढ़े। छिंदवाड़ा में भी रफ्तार कुछ ऐसी ही रही। यहां मार्च में 72 शवों का कोविड अंतिम संस्कार हुआ, जबकि अप्रैल में ये आंकड़ा बढ़कर 971 हो गया।

मौत के मंजर की यह तस्वीर शहर के प्रमुख विश्राम घाट और कब्रिस्तान से निकल कर सामने आई है। हालाकि, सरकारी आंकड़े में कोरोना से मौत की संख्या न के बराबर है। भोपाल में सरकारी आंकड़ों में रोजाना 4 से 5 मौतें बताई जा रही है। यही हाल दूसरे जिलों का भी है लेकिन वास्तविकता कुछ और ही है।

मध्यप्रदेश में मंगलवार को 5,412 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए। 11,358 लोग ठीक हुए और 70 की मौत हो गई। अब तक 7.42 लाख लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 6.52 लाख लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 7,139 लोगों की मौत हो चुकी है। 82,967 मरीज ऐसे हैं जिनका इलाज चल रहा है।