मदुरै। केरल के पूर्व शिक्षा मंत्री एम ए बेबी को रविवार को संपन्न हुए 24वें अखिल भारतीय सम्मेलन में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) का अगला महासचिव चुना गया। सम्मेलन 2 अप्रैल को शुरू हुआ और लगातार पांच दिनों तक चला। इससे पहले 1953 और 1972 में मदुरै में अखिल भारतीय सम्मेलन आयोजित किया गया था।
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रकाश करात और वृंदा करात समेत कई अन्य लोग सम्मेलन में शामिल हुए। सम्मेलन की शुरुआत ढोल और वाद्य यंत्रों की ध्वनि के साथ पार्टी का झंडा फहराने से हुई। इसके बाद एक ऐतिहासिक प्रदर्शनी, एक पुस्तक प्रदर्शनी और कला एवं साहित्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। पार्टी के शहीदों के सम्मान में एक स्मारक ज्योति भी जलाई गई।
वेनमनी शहीद स्मारक लाल झंडा केंद्रीय समिति के सदस्य यू वासुकी ने अध्यक्ष ए के पद्मनाभन को भेंट किया, जबकि वरिष्ठ नेता बिमान बसु ने इसे फहराया, इसके बाद प्रतिनिधियों का सम्मेलन और आम सम्मेलन हुआ। 3 अप्रैल को सम्मेलन के हिस्से के रूप में, मुख्यमंत्री एम के स्टालिन, विजयन, कर्नाटक के उच्च शिक्षा मंत्री सुधाकर और अन्य ने 'संघवाद भारत की ताकत है' शीर्षक के तहत राज्यों के अधिकारों की सुरक्षा पर एक सेमिनार में बात की।
रविवार को केंद्रीय समिति के सदस्यों, पोलित ब्यूरो सदस्यों और नए महासचिव सहित कार्यकारिणी के लिए चुनाव हुए।
त्रिवार्षिक सम्मेलन में, सीपीआई (एम) के समन्वयक करात ने महासचिव पद के लिए बेबी के नाम की सिफारिश की। इसके अलावा, के बालाकृष्णन और वासुकी को तमिलनाडु से राजनीतिक नेतृत्व समिति के सदस्य के रूप में चुना गया। शनमुगम, पी संपत, गुणसेकरन और बाला भारती को केंद्रीय समिति के सदस्य के रूप में चुना गया। इसके अलावा, 85 लोगों को केंद्रीय समिति के सदस्य के रूप में चुना गया, जिनमें से 31 नए चेहरे हैं।
उल्लेखनीय है कि करात, माणिक सरकार, सुभाषिनी अली और जी रामकृष्णन समेत वरिष्ठ नेताओं को केंद्रीय समिति और राजनीतिक नेतृत्व समिति के लिए नहीं चुना गया।
समापन के तौर पर शाम को पार्टी सदस्यों ने पांडी कोविल रिंग रोड से एक रैली निकाली, जिसके बाद रिंग रोड पर मस्तानपट्टी के पास एक जनसभा हुई।