विवेक तिवारी हत्याकांड की मुख्य गवाह सना खान ने इंडियन एक्सप्रेस के खास बातचीत में घटना वाली रात का सच बताया। सना खान ने बताया कि हमलोग कार से जा रहे थे। दो पुलिसकर्मी बाइक से आए। वो काफी गुस्से में थे। वे कार रोकने और बाहर निकलने के लिए बोल रहे थे। एक पुलिसकर्मी मेरी तरफ से खिड़की में लाठी अंदर डालने लगा। इन घटनाओं को देखकर विवेक तिवारी को वहां रुकना ठीक नहीं लगा, इसलिए हमलोग आगे बढ़ने की कोशिश करने लगे।
विवेक तिवारी जब कार आगे बढ़ाने लगे तो कार से सटी पुलिसकर्मी की बाइक गिर गई। पुलिसकर्मी कार की दूसरी तरफ खड़े थे। जब उन्होंने दोबारा कार बढ़ाने की कोशिश की तो बाइक चलाने वाले पुलिसकर्मी ने उनपर फायरिंग कर दी। फायरिंग के बाद भी वे कुछ मिनट के लिए कार चलाते रहे। उन्हें गोली लगी हुई थी। वे सांस तो ले पा रहे थे, लेकिन कुछ बोल नहीं पा रहे थे। फिर कार जाकर दीवार से टकरा गई। सना खान ने बताया कि उस दिन वह अपना मोबाइल घर पर भूल चुकी थीं। विवेक तिवारी का फोन लॉक था। इस हालात में मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करूं। मैं मदद के लिए चिल्लाने लगी। आसपास कुछ ट्रक खड़े थे। मैंने, उनसे कहा कि मुझे अपना मोबाइल दें, जिससे मैं फोन कर पाऊं। उन्होंने कहा कि मेरे पास मोबाइल नहीं है। 15 मिनट के बाद एक पुलिस की गाड़ी आई जिसके बाद एंबुलेंस को फोन किया गया। एंबुलेंस के आने में देर होने पर मैनें पुलिसकर्मियों से कहा कि उन्हें जल्द से जल्द अस्पताल ले जाया जाए। विवेक को पुलिस की गाड़ी में ही लोहिया अस्पताल ले जाया गया। साथ में सना खान भी अस्पताल पहुंची। सना खान ने बताया कि लोहिया अस्पताल से सीधे उन्हें पुलिस स्टेशन ले जाया गया। वहां एक महिला कांस्टेबल ने उनका बयान दर्ज किया और एक पेपर पर साइन करने को कहा। मैंने पुलिसकर्मियों से कहा कि वे मुझे अपने घर (जहां वह किराए पर रहती हैं) ले जाएं, ताकि मोबाइल से मैं अपने परिजनों को फोन कर सकूं। इसके बाद पुलिसकर्मी मुझे लेकर मेरे रूम पहुंचे और एक फोन कॉल करने की इजाजत दी। मैंने अपनी मां को फोन किया जिसके बाद मुझे वापस पुलिस स्टेशन ले जाया गया।
सना खान की मां ने इस पूरे मामले को लेकर कहा कि हम चाहते हैं कि इस मामले में न्याय मिले, लेकिन समझ में नहीं आ रहा है कि हम क्या करें। मेरी बेटी यहां जॉब करती है। लेकिन, इस घटना ने उसकी जिंदगी में तूफान ला दिया है। सना ने कहा कि उस रात एक हत्या हुई थी। मैं चाहती हूं कि सबकी नजर उस घटना पर हो और मैं दोबारा नॉर्मल जिंदगी जी सकूं। मुझे नहीं पता कि मैं दोबारा नॉर्मल जिंदगी जी पाउंगी या नहीं।
ऊंचाई से मारी गई थी विवेक को गोलीउधर इस मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आ चुकी है जिसमें इस बात का खुलासा हुआ है कि विवेक तिवारी को गोली सामने से ऊंचाई से मारी गई क्योंकि विवेक के शरीर में गोली ऊपर से नीचे की ओर गई है। इससे मामले में विवेक की पत्नी कल्पना तिवारी ने जो एफआईआर दर्ज कराई थी उसमें भी लिखा है कि सिपाही प्रशांत चौधरी ने शीशे से अपनी पिस्टल सटाकर गोली मारी। विवेक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट और पत्नी की एफआईआर देखकर लगता है कि शायद विवेक की गाड़ी के बोनट पर चढ़ के गोली मारी गई, क्योंकि गोली अगर सड़क पर खड़े होकर चलाई गई होती तो वो ऊपर से नीचे नहीं जाती। विवेक तिवारी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, विवेक के चेहरे के बाई तरफ प्वाइंट ब्लैंक रेंज से गोली मारी गई है ।