न कोई एंटीबायोटिक दी गई, न कोई विदेशी दवा या इंजेक्शन, फिर भी ठीक हो गई कोरोना संक्रमित महिला

लखनऊ के केजीएमयू से एक कोरोना संक्रमित महिला डॉक्टर को डिस्चार्ज कर दिया गया है। यह महिला कनाडा से आई थी और कोरोना संक्रमित थी। महिला अब पूरी तरह से ठीक है। लेकिन इसके बावजूद महिला को 14 दिन तक होम क्वारंटाइन में रहने की सलाह दी गई है। महिला के इलाज में एक खास बात सामने आई है। वह यह कि पूरे इलाज के दौरान महिला को न तो कोई एंटीबायोटिक दी गई, न कोई विदेशी दवा या इंजेक्शन। उन्हें महज चार दिन स्वाइन फ्लू में दी जाने वाली टेमीफ्लू की एक-एक गोली सुबह शाम दी गई। महज इतने से महिला पूरी तरह ठीक हो गई हैं।

केजीएमयू में महिला का इलाज कर रहे मेडिसिन विभाग के डॉ सुधीर वर्मा ने बताया कि कोरोना वायरस भी एक तरह का फ्लू है। सिर्फ इसका प्रभाव ज्यादा है। आम फ्लू में हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता ही उससे लड़ने के लिए काफी होती है। ठीक उसी तरह इसमें भी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता लड़ने में पर्याप्त है। इसलिए डरने की जरूरत नहीं है। सिर्फ शरीर में अगर कोई लक्षण जैसे फीवर, कफ, खांसी आदि होती है तो उसके मुताबिक दवा दी जाती है। अगर आप युवा हैं तो आपको इससे ज्यादा डरने की जरूरत नहीं है लेकिन हां सावधान रहने की बेहद जरूरत है। लेकिन अगर आपकी उम्र 60 से ऊपर है तो आपको थोड़ा सजग रहने की जरूरत है।