सर्जिकल स्ट्राइक पर जरूरत से ज्यादा की गई राजनीति, जो अनुचित थी : लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा

पाकिस्तान की सीमा में घुसकर आतंकवादियों पर भारत के सर्जिकल स्ट्राइक (surgical strike) पर ऑपरेशन से जुड़े पूर्व सेना अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक की सफलता पर शुरुआती उत्साह स्वाभाविक था मगर इसका जरूरत से ज्यादा प्रचार किया गया, जो अनुचित था। लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा (सेवानिवृत्त) ने कहा कि ''मुझे लगता है कि इस मामले को जरूरत से ज्यादा तूल दिया गया. सेना का ऑपरेशन जरूरी था और हमें यह करना था। अब इसका कितना राजनीतिकरण होना चाहिए, वह सही है या गलत, यह ऐसा सवाल है, जो राजनेताओं से पूछा जाना चाहिए." बता दें कि जब 29 सितंबर, 2016 को नियंत्रण रेखा (एलओसी) में सर्जिकल स्ट्राइक किया गया था, तब लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा (सेवानिवृत्त) उत्तरी सेना के कमांडर थे।

बता दें कि उरी अटैक में पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा 19 भारतीय सैनिक मारे गए थे। आर्मी ने कहा था कि स्पेशल फोर्सेस ने आतंकवादियों पर जोरदार हमला कर उन्हें काफी नकुसान पहुंचाया, जो भारतीय सीमा में घुसने का इंतजार कर रहे थे। सेवानिवृत्त सेना अधिकारी ने लेफ्टिनेंट जनरल हुड्डा चंडीगढ़ में सैन्य साहित्य समारोह (एमएलएफ) में भाग लिया और वहां उन्होंने कहा कि मैंने उरी आतंकवादी हमले के दो सप्ताह से भी कम समय के भीतर आतंकियों से बदला लेने के लिए विशेष बलों की योजना (सर्जिकल स्ट्राइक) को मंजूरी दे दी थी।

जनरल हुड्डा सैन्य साहित्य महोत्सव 2018 के पहले दिन शुक्रवार को 'सीमा पार अभियानों और सर्जिकल स्ट्राइक की भूमिका' विषय पर चर्चा में बोल रहे थे। इसमें पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बंडनोर और सेना के कई पूर्व जनरलों और कमांडरों ने भी हिस्‍सा लिया। कार्यक्रम में शामिल हुए दिग्‍गज अधिकारियों ने सैन्य अभियानों के 'राजनीतिकरण' को लेकर आगाह किया। समाचार एजेंसी एएनआई ने लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा (रिटायर) का एक वीडियो जारी किया है। लेफ्टिनेंट हुड्डा ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक का ज्यादा प्रचार किया गया और राजनीतिकरण भी। उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक की सफलता पर शुरुआती खुशी और उत्साह स्वाभाविक था, मगर सैन्य अभियानों को लेकर लगातार प्रचार करना अनुचित था, इसकी कोई जरूरत नहीं थी।

ऑडियंस के एक प्रश्न का जवाब देते हुए लेफ्टिनेंट जनरल हुड्डा ने कहा कि यह बेहतर होता कि सर्जिकल स्ट्राइक को गुप्त ही रखा जाता। क्योंकि हमने गोपनीय तरीके से ही इसे अंजाम दिया था। इस तरह के किसी भी आक्रामक ऑपरेशन का उद्देश्य न केवल सामरिक होता है, बल्कि रणनीतिक भी होता है, जो दुश्मन के मनोबल को काफी हद तक प्रभावित करता है।

यह निजी विचार हैं, इसलिए उन पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए : बिपिन रावत

सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) डीएस हुड्डा के बयान पर बोले सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा कि, 'यह निजी विचार हैं, इसलिए उन पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। वह (हुड्डा) इस ऑपरेशन से जुड़े मुख्य व्यक्तियों में से एक थे, इसलिए मैं उनके शब्दों का काफी सम्मान करता हूं।'

सर्जिकल स्ट्राइक से देश पर काफी पॉजिटिव असर पड़ा : लेफ्टिनेंट जनरल रनबीर सिंह

सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) डीएस हुड्डा के बयान पर उत्तरी कमांड के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल रनबीर सिंह ने कहा कि सेना के पास जितने भी विकल्प थे, उनमें से सर्जिकल स्ट्राइक एक था। इसका देश पर काफी पॉजिटिव असर पड़ा। हम काफी हद तक आतंकवाद का खात्मा करने के लिए सक्षम हो चुके हैं।