बीजेपी के साथ गठबंधन के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फिर कहा है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बनेंगे। उन्होंने कहा कि हमें जो लगता और दिखता है, उसके हिसाब से हम अपनी बात कहते हैं। हमने पहले भी ये बात कही थी और अब भी कह रहे हैं। नीतीश कुमार ने कहा कि लोकतंत्र में जनता मालिक होती है, वही किसी को बनाती। बाकी जनता को तय करना है।
लोक संवाद कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री ने सवालों के जबाव देते हुये कहा कि 2019 में किसी तरह की चुनौती नरेंद्र मोदी के सामने नहीं हैं। उन्होंने हाल में मध्य प्रदेश और राजस्थान में हुई भाजपा की हार का जिक्र किया और कहा कि मध्य प्रदेश में दशमलव पांच फीसदी वोट भाजपा को ज्यादा मिले हैं और रही बात राजस्थान की, तो वहां पर भाजपा को कांग्रेस से केवल दशमल चार फीसदी कम वोट मिले हैं। इससे समझा जा सकता है कि जनता ने किस तरह से वोटिंग की है। कांग्रेस को कितना जिताया है।
नीतीश कुमार ने एक कई मुद्दों पर जवाब देते हुए यह भी कहा कि उनकी पार्टी ने ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर बीजेपी का विरोध किया है और सिटिजनशिप बिल पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह से भी बात हुई है।
वहीं सबरीमाला के मुद्दे पर भी बीजेपी से अलग रुख अपनाते हुए कहा कि देश संविधान के मुताबिक चलेगा। अगर सुप्रीम कोर्ट ने कोई फैसला दिया है तो इसका स्वागत किया जाना चाहिए।
वहीं एसपी-बीएसपी गठबंधन के गठबंधन के ऐलान के बाद अवैध खनन को लेकर हुई छापेमारी के मुद्दे पर नीतीश ने कहा कि कोई कुछ भी कहे लेकिन बाद में फैसला तो कोर्ट को ही करना है।
इसके साथ ही महागठबंधन के मुद्दे पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि महागठबंधन का कोई भविष्य नहीं है। बिहार के लोग काम के आधार पर वोट देंगे।
इसके साथ ही राफेल के मुद्दे पर पीएम मोदी सरकार का समर्थन करते हुए कहा कि यह कोई मुद्दा नहीं है। नीतीश कुमार इस पर जेपीसी की मांग पर भी असहमत दिखे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार अपनी तरह का अलग राज्य है। यहां के लोग विकास के काम पर ही वोट करते हैं। महागठबंधन का जिक्र करते हुये सीएम कहा कि राजद के बारे में कहा जा रहा था कि कुछ दम है, लेकिन जिस तरह से रोड चलते लोगों को महागठबंधन में शामिल किया जा रहा है, उससे समझा जा सकता है। किस तरह की हड़बड़ाहट महागठबंधन में शामिल दलों में है।
एक सवाल के जवाब में सीएम ने कहा कि चाहे जितना जातीय समीकरण बैठाया जाये, कुछ होनेवाला नहीं है। यहां की जनता बहुत समझादार है। माछ-भात के आयोजन संबंधित सवाल पर सीएम ने कहा कि ये कोई पहली बार नहीं हो रहा है। ऐसे आयोजन होते रहे हैं, लेकिन उनका क्या फायदा होता है। ये सभी लोग बेहतर तरीके से जानते हैं। वोट विकास के मुद्दे पर ही पड़ेगा।
बिहार में किसानों का लोन माफ करने के संबंध में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हम अलग तरह से काम करनेवाले राज्य हैं। यहां अलग तरह से काम होता है। कृषि इनपुट पर काम हो रहा है। तीसरे कृषि रोडमैप को लागू किया गया है। अभी एक फसल पर कृषि इनपुट दिया गया है। उसको सभी फसलों पर लागू करने पर विचार किया जा रहा है। आनेवाले समय में सभी फसलों पर कृषि इनपुट दिया जायेगा। फसल बीमा योजना की जगह पर किसान फसल सहायता योजना को लागू किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुखाड़ के समय हमने किसानों को सुविधा देने पर काम किया है। नीतीश कुमार ने कहा कि हाल में गन्ना किसानों का मुद्दा सामने आया था। चीनी के दाम कम होने से गन्ना किसान परेशान थे, चीनी मिलों के सामने समस्या है। इसको लेकर हम लोगों ने फैसला लिया है। हम लोग गन्ना उद्योग को सब्सिडी देने जा रहे हैं।
हाल में झारखंड और बिहार की संयुक्त सिंचाई परियोजना मंडल डैम का जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शिलान्यास किया और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ की, उस पर सीएम ने कहा कि दोनों राज्यों की सहमति के बाद काम शुरू हुआ है। ये काम पूरा होगा, तो बिहार के गया और औरंगाबाद की 90 हजार हेक्टेयर जमीन को सिंचाई का लाभ मिलेगा। इस परियोजना में सालोंभर किसानों को पानी मिलेगा।