'जय श्री राम' के नारों पर भड़कीं ममता बनर्जी, कहा- चुनाव के नतीजों के बाद इसका अंजाम भुगतना पड़ेगा

शनिवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए तब स्थिति अजीब हो गई जब पश्चिम बंगाल के पश्चिम मिदनापुर में पदयात्रा के दौरान उनके सामने एक भीड़ 'जय श्री राम' के नारे लगाने लगी। ममता के साथ यह स्थिति एक जनसभा को संबोधित करने के दौरान बनी। इस नारेबाज़ी को सुनकर तैश में दिखीं ममता ने फौरन अपने काफिले को रुकवाया और गाड़ी से बाहर निकलीं। ममता को गाड़ी से बाहर निकलते देख भाजपा समर्थक मौके से इधर उधर भागने लगे। तब ममता ने उन्हें ललकारते हुए कहा 'कहां भाग रहे हो, इधर आओ'। नारेबाज़ों को 'स्मार्ट बनने की कोशिश' करार देकर ममता अपनी रैली के लिए आगे चली गईं। बाद में, चंद्रकोण और घाटल में रैलियों के दौरान ममता ने ये मुद्दा उठाते हुए कहा कि 'जो लोग इस तरह से नारेबाज़ी कर रहे हैं, होशियार रहें क्योंकि 23 मई को चुनाव का नतीजा आने के बाद उन्हें इसका अंजाम भुगतना पड़ेगा'। ममता ने ये भी कहा कि उन लोगों को याद रखना चाहिए कि चुनाव के बाद भी उन्हें यहीं रहना है।

पश्चिम मिदनापुर को राज्य की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस का गढ़ माना जाता है क्योंकि यहां से अधिकारी परिवार यानी शुभेंदु अधिकारी टीएमसी के मंत्री जबकि उनके पिता शिशिर अधिकारी और उनके भाई दिब्येंदु अधिकारी सांसद रह चुके हैं। इस इलाके में ममता बनर्जी जब गुज़रीं तब उनके काफिले के सामने कुछ ग्रामीणों ने भाजपा के झंडे लहराते हुए चंद्रकोण के पास 'जय श्री राम' के नारे लगाए।

ममता ने भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए फिर आरोप लगाया कि बंगाल में भाजपा विभाजनकारी राजनीति कर रही है और लोगों को दंगों के लिए उकसा रही है। ममता ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि भगवाधारी लोगों की राज्य को धर्म के आधार पर बांटने की कोशिश नाकाम करते हुए राज्य की सभी 42 सीटों पर टीएमसी को जिताएं। गौरतलब है कि इस बार भाजपा ने पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से 23 पर जीत हासिल करने का लक्ष्य बनाया है। 2014 आम चुनाव में भाजपा को आसनसोल और दार्जलिंग से ही जीत मिली थी जहां से क्रमश: बाबुल सुप्रियो और एसएस अहलुवालिया सांसद बने थे। इस बार बदले समीकरणों के चलते अहलुवालिया बर्धमान-दुर्गापुर लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं।